रेलवे के नए नियम सफर पर निकलने से पहले पढ़ लें, वरना प्लेटफार्म पर खड़ी हो सकती है मुसीबत

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News India Live, Digital Desk : दिसंबर का महीना है और सर्दियों की छुट्टियां सिर पर हैं। ऐसे में हम में से बहुत से लोग घर जाने या घूमने का प्लान बना रहे होंगे। लेकिन अपना बैग पैक करने से पहले जरा ठहरिए! भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने हाल ही में अपनी कुछ व्यवस्थाओं और नियमों में बदलाव किए हैं या यूं कहें कि पुराने नियमों को सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है। अगर आप इनसे अनजान रहे, तो सफर का मजा किरकिरा हो सकता है।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आपकी यात्रा पर इसका क्या असर पड़ेगा।

1. तत्काल टिकट और दलालों की छुट्टी?
हम सब जानते हैं कि त्योहारों के समय कन्फर्म टिकट पाना किसी जंग जीतने से कम नहीं होता। तत्काल बुकिंग (Tatkal Booking) खुलते ही कुछ सेकेंड्स में सीटें गायब हो जाती हैं। इसे रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए IRCTC अब काफी सख्त है। अब तत्काल टिकट बुक करते समय या रिफंड लेते समय OTP (वन टाइम पासवर्ड) का रोल बहुत अहम हो गया है।

खासकर अगर आप किसी एजेंट से टिकट बुक कराते हैं और उसे कैंसिल करते हैं, तो रिफंड का OTP अब सीधे यात्री (यानी आपके) मोबाइल पर आएगा। जब तक आप वो कोड एजेंट को नहीं देंगे, उसे पैसा वापस नहीं मिलेगा। इसका फायदा यह है कि एजेंट अब आपको यह झूठ नहीं बोल पाएगा कि "रेलवे से अभी पैसा नहीं आया"।

2. वेटिंग टिकट लेकर AC में सफर? अब भूल जाइए
पहले क्या होता था कि लोग काउंटर से 'विंडो वेटिंग टिकट' (Window Waiting Ticket) ले लेते थे और धड़ल्ले से रिजर्व्ड कोच (खासकर स्लीपर और AC) में घुस जाते थे। फिर TTE से रिक्वेस्ट करके सफर काट लेते थे।

लेकिन अब रेलवे ने इसे लेकर कड़ा रुख अपनाया है। नए निर्देशों के मुताबिक, अगर आपका टिकट चार्ट बनने के बाद भी वेटिंग में रह जाता है, तो आप आरक्षित डिब्बों (Reserved Coaches) में सफर नहीं कर सकते। अगर पकड़े गए, तो TTE आपको अगले स्टेशन पर उतार सकता है या भारी जुर्माना लगाकर जनरल डिब्बे में भेज सकता है। इसलिए अब 'जुगाड़' के भरोसे न रहें।

3. सामान की लिमिट: क्या अब वजन तोलकर जाना होगा?
यह खबर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रहती है। लोग घबराए हुए हैं कि क्या अब ट्रेन में भी फ्लाइट की तरह सामान तोला जाएगा? देखिए, नियम पुराने ही हैं लेकिन अब रेलवे स्टेशनों पर रैंडम चेकिंग बढ़ गई है।

  • स्लीपर क्लास: आप अपने साथ 40 किलो तक सामान मुफ्त ले जा सकते हैं।
  • AC टू टियर/थ्री टियर: यहाँ लिमिट 50 किलो तक है।
  • AC फर्स्ट क्लास: इसमें आप 70 किलो तक सामान ले जा सकते हैं।

अगर इससे ज्यादा सामान हुआ, तो आपको 'लगेज वैन' (Luggage Van) में सामान बुक कराना होगा। अगर आप बिना बुकिंग के ज्यादा सामान ले जाते पकड़े गए, तो 6 गुना तक ज्यादा जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसलिए समझदारी इसी में है कि सफर हल्का रखें।

4. रिफंड के लिए चक्कर काटना बंद
कई बार टिकट अपने आप कैंसिल हो जाती है (e-ticket waiting list) लेकिन पैसा खाते में आने में वक्त लगता है। रेलवे ने अब अपने पेमेंट गेटवे और रिफंड प्रोसेस को पहले से तेज और पारदर्शी बनाने का दावा किया है। अगर आपने खुद IRCTC से टिकट किया है, तो पैसा 2-3 दिन में सोर्स अकाउंट में आ जाना चाहिए।

कुल मिलाकर, रेलवे का मकसद आपकी यात्रा को सुरक्षित और दलालों से मुक्त बनाना है। तो बस, अगली बार स्टेशन जाने से पहले अपने टिकट का स्टेटस और बैग का वजन जरूर चेक कर लें!

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