Rajasthani Tradition : आस्था या अंधविश्वास? जहां गले में अजगर और हाथ में जहरीला सांप बन जाता है खिलौना
News India Live, Digital Desk: Rajasthani Tradition : राजस्थान के मेलों की बात ही निराली है, लेकिन कुछ मेले ऐसे भी हैं जहां आस्था और खतरे के बीच का फर्क मिट जाता है। गोगा नवमी के मौके पर लगने वाले लोक देवता गोगाजी के मेलों में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है, जिसे देखकर आम इंसान की रूह कांप जाए। यहां भक्त गले में भारी-भरकम अजगर डालकर घूमते हैं और जहरीले कोबरा को हाथ पर ऐसे नचाते हैं, मानो वह कोई खिलौना हो।
भक्ति में डूबे भक्त, जान की नहीं परवाह
गोगाजी, जिन्हें जाहरवीर के नाम से भी जाना जाता है, को सांपों का देवता माना जाता है। उनके भक्त मानते हैं कि गोगाजी की कृपा उन पर हमेशा बनी रहती है और कोई भी जहरीला सांप उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता। इसी अटूट विश्वास के सहारे ये लोग मेले में खतरनाक करतब दिखाते हैं। डेरों और चिमटों की आवाज के बीच जब कोई भक्त अपने गले में जिंदा अजगर डाल लेता है या फिर फुंफकार मारते कोबरा को हथेली पर रख लेता है, तो देखने वालों की सांसें थम जाती हैं।
कहां से आते हैं ये खतरनाक सांप?
मेले में करतब दिखाने वाले ये सपेरे और भक्त दूर-दराज के इलाकों से आते हैं। उनका कहना है कि ये सांप उन्होंने पकड़े नहीं हैं, बल्कि ये खुद गोगाजी के स्थान पर खिंचे चले आते हैं। इन लोगों के लिए यह सिर्फ एक करतब नहीं, बल्कि अपनी भक्ति को साबित करने का एक तरीका है। वे घंटों तक इन खतरनाक सांपों के साथ रहते हैं, लेकिन उनके चेहरे पर डर का कोई भाव नहीं होता।
यह नजारा सालों से इन मेलों की पहचान बना हुआ है। विज्ञान और तर्क चाहे कुछ भी कहें, लेकिन यहां आस्था हर डर पर भारी पड़ती नजर आती है। यह देखना वाकई हैरान करने वाला है कि कैसे भक्ति और विश्वास इंसान से वो काम भी करवा लेता है, जिसके बारे में सोचना भी मुश्किल है।
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