Rajasthan Pollution : फैक्ट्री की जहरीली हवा ने घोंटा गांव का दम, बच्चों समेत 22 लोग अस्पताल में, सीकर में मचा हड़कंप

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News India Live, Digital Desk: राजस्थान के सीकर जिले से एक ऐसी दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। यहां एक फैक्ट्री की भट्टी से निकले जहरीले धुएं ने पास के ही एक गांव को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे बच्चों और महिलाओं समेत 22 से ज़्यादा लोगों की हालत बिगड़ गई और उन्हें आधी रात को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

यह खौफनाक घटना सीकर के नेछवा थाना इलाके के रोलासाहबसर गांव की है। यहां कपड़ों की रंगाई करने वाली एक फैक्ट्री है, जिसमें कथित तौर पर बेकार और पुराने कपड़ों को भट्टी में जलाया जा रहा था। इसी भट्टी से निकला जहरीला धुआं हवा के साथ पूरे गांव में फैल गया और सोते हुए लोगों के लिए मुसीबत बन गया।

आधी रात को सांसों पर आया संकट

देर रात करीब 2 बजे, जब पूरा गांव गहरी नींद में सो रहा था, तब लोगों को अचानक सांस लेने में दिक्कत, जी घबराना, उल्टी और आंखों में तेज जलन महसूस होने लगी। धुएं की गंध इतनी तेज थी कि लोगों का दम घुटने लगा। हालत बिगड़ती देख गांव में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपने बच्चों को लेकर घरों से बाहर भागने लगे।

गांव के सरपंच रामदेव सिंह ने तुरंत प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी। देखते ही देखते मौके पर कई एंबुलेंस पहुंचीं और बीमार लोगों को पास के ही नेछवा के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। अस्पताल लाए गए लोगों में 8 बच्चे और 9 महिलाएं भी शामिल थीं।

गुस्से में ग्रामीण, प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

सुबह होते ही ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने फैक्ट्री के बाहर इकट्ठा होकर जमकर हंगामा किया और इसे बंद कराने की मांग की। लोगों का आरोप है कि यह फैक्ट्री पिछले कई सालों से अवैध रूप से चल रही है और रात के अंधेरे में इसी तरह जहरीला कचरा जलाया जाता है। उन्होंने पहले भी कई बार इसकी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

घटना की गंभीरता को देखते हुए उपखंड अधिकारी (SDM) और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को शांत कराया। प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से फैक्ट्री की भट्टियों को बंद करने और पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाने के आदेश दिए हैं। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी फैक्ट्री से सैंपल लेने के लिए कहा गया है ताकि यह पता चल सके कि धुएं में कौन-कौन से खतरनाक केमिकल मौजूद थे।

फिलहाल सभी बीमार लोगों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर रिहायशी इलाकों के पास इस तरह की जानलेवा फैक्ट्रियां कैसे चल रही हैं और प्रशासन इनकी शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं करता।

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