Rajasthan : मौत का सामान लेकर दौड़ रही थी पिकअप? राजसमंद में पुलिस ने पकड़ा बारूद का जखीरा

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News India Live, Digital Desk : राजस्थान के राजसमंद जिले से एक ऐसी खबर आई है जिसने पुलिस प्रशासन और आम लोगों, दोनों को चौंका दिया है। हम सब जानते हैं कि आजकल सुरक्षा को लेकर पुलिस कितनी मुस्तैद रहती है, और इसी मुस्तैदी का नतीजा है कि एक बहुत बड़ा हादसा या गैर-कानूनी काम होने से पहले ही रोक दिया गया।

नाथद्वारा पुलिस ने नेशनल हाईवे-8 (NH-8) पर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यहाँ पुलिस को एक लावारिस पिकअप गाड़ी मिली, जिसमें टमाटर या सब्जियां नहीं, बल्कि भारी मात्रा में विस्फोटक (Explosives) भरा हुआ था।

गाड़ी के अंदर क्या मिला?

मामला ओडन पुलिया के पास का है। पुलिस को सूचना मिली या कहें शक हुआ कि एक पिकअप जीप वहां संदिग्ध हालत में खड़ी है। जब पुलिस ने जाकर गाड़ी के अंदर रखे कट्टों (बोरियों) की जांच की, तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं।

गाड़ी के अंदर से 8000 जिलेटिन की छड़ें और 3000 डेटोनेटर बरामद हुए हैं। ज़रा सोचिए, इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक अगर किसी गलत हाथ में लग जाता तो कितनी बड़ी तबाही मच सकती थी। आम तौर पर इनका इस्तेमाल पहाड़ों को तोड़ने या खनन (Mining) के लिए किया जाता है, लेकिन इसे बिना किसी सुरक्षा और परमिट के ले जाना पूरी तरह से गैर-कानूनी और खतरनाक है।

ड्राइवर गाड़ी छोड़कर फरार

हैरानी की बात यह है कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही, या पुलिस को आते देख ड्राइवर मौके की नज़ाकत को भांप गया और गाड़ी को लावारिस हालत में छोड़कर वहां से रफूचक्कर हो गया। अंधेरे या भीड़ का फायदा उठाकर आरोपी भागने में कामयाब रहा।

पुलिस ने तुरंत गाड़ी और सारे विस्फोटक को अपने कब्ज़े में (जब्त) कर लिया है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि यह विस्फोटक आखिर लाया कहां से गया था और इसे डिलीवर कहां किया जाना था?

अवैध खनन का एंगल?

राजसमंद और आस-पास के इलाकों में खनन का काम काफी होता है। पुलिस का शुरुआती शक यही है कि शायद यह खेप अवैध खनन (Illegal Mining) के लिए ले जाई जा रही थी। बिना लाइसेंस के विस्फोटकों की खरीद-फरोख्त एक गंभीर अपराध है।

फिलहाल, पुलिस ने अज्ञात ड्राइवर और मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और पूरे इलाके में नाकेबंदी कर आरोपी की तलाश की जा रही है। यह घटना हमें भी आगाह करती है कि हमारे आस-पास क्या हो रहा है, इस पर नजर रखना कितना जरूरी है। पुलिस की इस तत्परता की तारीफ तो बनती है!

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