Rajasthan High Court : राजस्थान में भूतपूर्व सैनिकों को बड़ा झटका, दूसरी नौकरी में नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ

Post

News India Live, Digital Desk: Rajasthan High Court : देश की सेवा करने के बाद सरकारी नौकरी में आरक्षण का लाभ लेकर सम्मानजनक जीवन बिताने की उम्मीद रखने वाले हज़ारों भूतपूर्व सैनिकों के लिए राजस्थान हाईकोर्ट से एक बड़ी और झटका देने वाली खबर आई है. हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए यह साफ कर दिया है कि अगर किसी भूतपूर्व सैनिक ने आरक्षण का लाभ लेकर एक बार कोई सरकारी नौकरी पा ली है, तो उसे दोबारा किसी दूसरी सरकारी नौकरी के लिए आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता.

यह फैसला हज़ारों ऐसे भूतपूर्व सैनिकों पर सीधा असर डालेगा जो एक नौकरी पाने के बाद किसी और बेहतर पद या विभाग में जाने के लिए दोबारा परीक्षा देते हैं.

क्या था पूरा मामला?

यह मामला कुछ भूतपूर्व सैनिकों द्वारा दायर की गई याचिकाओं से जुड़ा था. इन सभी ने भूतपूर्व सैनिक कोटे के तहत आरक्षण का लाभ लेकर पहले ही राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नौकरी हासिल कर ली थी. इसके बाद, उन्होंने सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा भी दी. लेकिन भर्ती एजेंसी ने यह कहते हुए उन्हें आरक्षण का लाभ देने से इनकार कर दिया कि वे पहले ही एक बार इस कोटे का इस्तेमाल कर चुके हैं.

भर्ती एजेंसी के इसी फैसले के खिलाफ इन भूत-पूर्व सैनिकों ने राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?

जस्टिस गणेश राम मीणा की अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला दिया. कोर्ट ने कहा:

  • आरक्षण का मकसद पुनर्वास है: भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण देने का मुख्य उद्देश्य यह है कि वे सेना से रिटायर होने के बाद समाज की मुख्य धारा में लौट सकें और सम्मान के साथ अपना जीवन-यापन कर सकें.
  • एक बार लाभ, मतलब उद्देश्य पूरा: जब कोई भूत-पूर्व सैनिक आरक्षण का लाभ लेकर एक बार सरकारी नौकरी पा लेता है, तो आरक्षण का जो मुख्य उद्देश्य (पुनर्वास) है, वह पूरा हो जाता है.
  • दूसरी बार आरक्षण नहीं: एक बार पुनर्वास हो जाने के बाद, उस व्यक्ति को किसी दूसरी या ऊँची पोस्ट वाली सरकारी नौकरी के लिए दोबारा भूतपूर्व सैनिक कोटे के तहत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता. अगर वह दूसरी नौकरी पाना चाहता है, तो उसे सामान्य श्रेणी के उम्मीदवार की तरह ही मुकाबला करना होगा.

हाईकोर्ट का यह फैसला अब पूरे प्रदेश में एक नज़ीर बन गया है. इससे यह साफ हो गया है कि भूतपूर्व सैनिक कोटे का लाभ सिर्फ एक ही बार लिया जा सकता है, बार-बार नहीं.

--Advertisement--