Rajasthan Assembly Bypoll : जब वोट पड़ रहे थे, तभी पोलिंग बूथ पर धरने पर बैठ गया यह नेता, बोला खुलेआम फर्जीवाड़ा हो रहा है

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News India Live, Digital Desk: सोचिए, एक तरफ लोग लोकतंत्र का पर्व मनाने के लिए लाइन में लगकर वोट डाल रहे हों, और दूसरी तरफ पोलिंग बूथ के बाहर ही कोई नेता 'प्रशासन मुर्दाबाद' के नारे लगाते हुए धरने पर बैठ जाए. यह कोई फिल्मी सीन नहीं, बल्कि राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की हकीकत है.

मंगलवार को जब अंता विधानसभा के लिए वोटिंग चल रही थी, तभी बमनगवां गांव के पोलिंग बूथ पर जबरदस्त हंगामा हो गया. इस हंगामे के केंद्र में थे निर्दलीय प्रत्याशी और युवा नेता नरेश मीणा.

क्यों भड़क गए नरेश मीणा?

नरेश मीणा अपने समर्थकों के साथ अचानक पोलिंग बूथ के बाहर पहुंचे और वहीं जमीन पर बैठकर धरना शुरू कर दिया. उनका आरोप बेहद गंभीर था. वह चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे कि बूथ पर खुलेआम फर्जी वोटिंग (Bogus Voting) हो रही है, यानी किसी और के नाम पर कोई और ही वोट डालकर जा रहा है.

मीणा का गुस्सा सिर्फ फर्जी वोटिंग को लेकर नहीं था. उनका आरोप था कि जब उन्होंने इस बारे में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से शिकायत की, तो किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया. उन्होंने सीधे-सीधे कहा, "यहां का पूरा प्रशासन सरकार के दबाव में काम कर रहा है और चुनाव में धांधली करवा रहा है."

घंटों चला हाई-वोल्टेज ड्रामा

नरेश मीणा के धरने पर बैठते ही माहौल गरमा गया. उनके समर्थक भी उनके साथ नारेबाजी करने लगे, जिससे वोटिंग पर भी असर पड़ा. मामला इतना बढ़ा कि पुलिस और प्रशासन के बड़े-अधिकारी मौके पर दौड़े चले आए. उन्होंने नरेश मीणा को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह अपनी मांग पर अड़े हुए थे कि पहले फर्जी वोटिंग रोकी जाए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो.

घंटों तक यह हाई-वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. बाद में प्रशासन के आश्वासन पर नरेश मीणा ने अपना धरना खत्म तो किया, लेकिन इस एक घटना ने अंता उपचुनाव में एक नया भूचाल ला दिया है.

आपको बता दें कि नरेश मीणा को इस इलाके में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखा जाता है. उनका यह सीधा आरोप अब सिर्फ एक चुनावी हंगामा नहीं, बल्कि एक बड़ी राजनीतिक लड़ाई का रूप ले चुका है.

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