Punjab Politics: बिक्रम सिंह मजीठिया को मोहली कोर्ट से नहीं मिली राहत, करोड़ों की संपत्ति मामले में जमानत पर सुनवाई 1 अगस्त तक टली
News India Live, Digital Desk: Punjab Politics: आय से अधिक संपत्ति मामले (Assets Disproportionate to Income Case) में गिरफ्तार शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) को मोहाली कोर्ट (Mohali Court) से आज भी कोई राहत नहीं मिल सकी है. उनकी जमानत याचिका (Bail Plea) पर मंगलवार सुबह 10:30 बजे से दोपहर 3 बजे तक विस्तृत सुनवाई हुई, जिसमें अभियोजन (Prosecution) और बचाव पक्ष (Defense) के वकीलों ने अपनी-अपनी जोरदार दलीलें पेश कीं.
अगली सुनवाई 1 अगस्त को, न्यायिक हिरासत में रहेंगे मजीठिया
अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 अगस्त की तारीख तय की है, जिस दिन बहस जारी रहेगी. पिछली सुनवाई में, सरकार ने बैरक बदलने संबंधी मजीठिया की याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया था. बिक्रम सिंह मजीठिया फिलहाल 2 अगस्त तक न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में हैं और पटियाला की नई नाभा जेल (New Nabha Jail, Patiala) में बंद हैं. यह उनके लिए एक और मुश्किल भरा इंतज़ार है, क्योंकि उनके भविष्य का फैसला कोर्ट की अगली सुनवाई पर निर्भर करेगा.
जेल में अकाली दल का प्रतिनिधिमंडल, पत्नी ने लगाए थे आरोप
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज मजीठिया से मिलने के लिए नई नाभा जेल पहुँचा. इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा (Dr. Daljit Singh Cheema) कर रहे थे, जिसमें महेशिंदर सिंह ग्रेवाल (Maheshinder Singh Grewal) और सिकंदर सिंह मलूका (Sikandar Singh Maluka) जैसे प्रमुख चेहरे भी शामिल थे. यह मुलाकात तब हुई है जब इससे पहले, मजीठिया की पत्नी गनीव कौर (Ganieve Kaur) ने गंभीर आरोप लगाए थे कि अकाली दल के नेताओं और परिवार के सदस्यों को मजीठिया से मिलने नहीं दिया जा रहा है. इस मुलाकात से पार्टी नेताओं ने मजीठिया को नैतिक समर्थन देने की कोशिश की है.
विजिलेंस ब्यूरो ने किया था गिरफ्तार, NDPS मामले में भी फंसाए गए थे
गौरतलब है कि बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (Vigilance Bureau Punjab) ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में 25 जून को अमृतसर (Amritsar) से गिरफ्तार किया था. उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का यह नया मामला है. इससे पहले भी, 2021 में कांग्रेस सरकार (Congress Government) के कार्यकाल के दौरान मजीठिया के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS Act) के तहत भी एक गंभीर मामला दर्ज किया गया था, जिसे राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित बताया गया था.
NDPS मामले की जांच में अब तक पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय (Former DGP Siddharth Chattopadhyay) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सहित कुल 6 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. आय से अधिक संपत्ति के मामले में, विजिलेंस ने मजीठिया की पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश स्थित संपत्तियों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी (Raids on Properties) की है. सरकार का दावा है कि उसके पास मजीठिया के खिलाफ पर्याप्त और पुख्ता सबूत हैं, जबकि मजीठिया के वकील लगातार इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित (Politically Motivated) और बेबुनियाद (Baseless Allegations) बता रहे हैं. इस हाई-प्रोफाइल मामले पर पूरे पंजाब की राजनीतिक गलियारों और जनता की निगाहें टिकी हुई हैं.
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