Pregnancy Tips : गर्भधारण के लिए सुबह या रात, कब करें सेक्स ताकि जल्दी बने बात, जानें सही समय और तरीका
News India Live, Digital Desk: Pregnancy Tips : जब आप गर्भधारण की कोशिश कर रहे होते हैं, तो हर छोटी-छोटी बात अहम लगती है. पार्टनर के साथ कब नज़दीकियां बढ़ाई जाएं, इसे लेकर भी कई सवाल मन में आते हैं - सुबह का समय बेहतर है या रात का? असल में, सही समय चुनने से पहले हमें शरीर की 'घड़ी' को समझना होगा, खासकर महिला के ओव्यूलेशन चक्र को. आइए जानते हैं, विज्ञान क्या कहता है और कैसे आप गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं.
सबसे ज़रूरी बात: ओव्यूलेशन का सही समय पहचानें!
बच्चे के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय वह होता है, जब महिला का अंडाणु अंडाशय से निकलता है, जिसे ओव्यूलेशन कहते हैं. आमतौर पर यह 28 दिन के मासिक धर्म चक्र में 14वें दिन के आसपास होता है. अंडाणु केवल 12 से 24 घंटे तक ही जीवित रहता है. दूसरी तरफ, पुरुष के शुक्राणु महिला के प्रजनन पथ में 5 दिनों तक जीवित रह सकते हैं.
तो कब करें सेक्स?
वैज्ञानिक सलाह देती है कि ओव्यूलेशन से 1-2 दिन पहले और ओव्यूलेशन वाले दिन संबंध बनाना गर्भधारण की संभावना को सबसे ज़्यादा बढ़ा देता है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि जब अंडाणु रिलीज़ हो, तब तक शुक्राणु पहले से ही मौजूद हों और 'इंतज़ार' कर रहे हों.
सुबह या रात? ये जानना है ज़रूरी!
आमतौर पर सुबह या रात में सेक्स करने से बहुत ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता, असली खेल तो ओव्यूलेशन टाइमिंग का है. हालांकि, कुछ रिसर्च में सुझाव दिया गया है कि पुरुषों के शुक्राणु की गुणवत्ता (संख्या और गतिशीलता) सुबह के समय बेहतर हो सकती है. वहीं, कुछ अन्य अध्ययन बताते हैं कि महिला का शरीर दिन के आखिर में ज़्यादा आरामदायक स्थिति में हो सकता है, जिससे यह अनुभव बेहतर हो सकता है.
लेकिन, ज़रूरी यह है कि आप अपने फर्टाइल विंडो (जिसमें अंडाणु निकलने वाला है) के दौरान नियमित रूप से संबंध बनाएं, यानी हर 1-2 दिन में. इससे गर्भधारण की संभावना बनी रहती है.
कैसे पता करें अपना 'फर्टाइल विंडो'?
- ओव्यूलेशन प्रेडिक्टर किट (OPK): ये किट मूत्र में हार्मोन के स्तर को मापकर ओव्यूलेशन के पास के दिनों को पहचानने में मदद करते हैं.
- बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT) ट्रैकिंग: सुबह उठने के तुरंत बाद अपने शरीर का तापमान मापना. ओव्यूलेशन के बाद तापमान हल्का सा बढ़ जाता है.
- सर्वाइकल म्यूकस (गर्भाशय ग्रीवा स्राव) की निगरानी: ओव्यूलेशन के दौरान यह स्राव पतला और अंडे की सफेदी जैसा हो जाता है.
सबसे ज़रूरी है कि आप तनाव-मुक्त रहें और संबंध बनाने के अनुभव का आनंद लें. केवल गर्भधारण पर ध्यान देने की बजाय, इस प्रक्रिया को अपनी अंतरंगता का हिस्सा बनाएं. अगर आप लंबे समय से कोशिश कर रहे हैं और सफलता नहीं मिल रही है, तो किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा रहेगा.
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