Predictions : मृत्यु के बाद का रहस्य, क्या कहती हैं बाबा वेंगा और क्या कहता है विज्ञान
- by Archana
- 2025-08-13 09:19:00
Newsindia live,Digital Desk: Predictions : मृत्यु जीवन का एक अटल सत्य है, लेकिन मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है, यह एक ऐसा रहस्य है जिसे लेकर सदियों से दार्शनिक, वैज्ञानिक और आम इंसान কৌतূহल में रहे हैं। इस विषय पर बुल्गारिया की प्रसिद्ध भविष्यवक्ता बाबा वेंगा की कुछ दिलचस्प भविष्यवाणियां हैं, जो वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बिल्कुल अलग हैं।
बाबा वेंगा, जिन्हें "बाल्कन का नास्त्रेदमस" भी कहा जाता है, अपनी कई भविष्यवाणियों के लिए जानी जाती हैं। उनका मानना था कि मृत्यु शरीर का अंत है, आत्मा का नहीं। उनके अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा का अस्तित्व समाप्त नहीं होता, बल्कि वह एक उच्च स्तर पर विकसित होने के लिए पुनर्जन्म लेती है। बाबा वेंगा का यह भी कहना था कि हमारी दुनिया वास्तव में एलियंस द्वारा बसाई गई है, जो कहीं और से आए हैं और उनका ग्रह "वामफिम" तीसरा ग्रह है। उनकी यह मान्यता है कि मृत्यु के बाद हमारी आत्माएं अमर रहती हैं और एक नए रूप में जीवन जारी रखती हैं।
इसके विपरीत, विज्ञान मृत्यु को एक जैविक प्रक्रिया के रूप में देखता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब मस्तिष्क में गतिविधि पूरी तरह से समाप्त हो जाती है और शरीर के महत्वपूर्ण अंग काम करना बंद कर देते हैं, तो व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया जाता है। विज्ञान के पास ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है जो मृत्यु के बाद आत्मा के अस्तित्व या पुनर्जन्म की पुष्टि करता हो। वैज्ञानिक चेतना और जीवन को मस्तिष्क की गतिविधियों का परिणाम मानते हैं, और मस्तिष्क के निष्क्रिय हो जाने के बाद इन सब का अंत हो जाता है।
हालाँकि, कुछ अध्ययन ऐसे भी हुए हैं जो मृत्यु के निकट के अनुभवों (Near-Death Experiences) पर केंद्रित हैं, जहाँ लोग अपने शरीर से बाहर निकलने या एक चमकदार रोशनी देखने का दावा करते हैं। लेकिन विज्ञान इन्हें मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाओं के रूप में समझाता है।
इस प्रकार, मृत्यु के बाद जीवन का प्रश्न विश्वास और विज्ञान के बीच एक विभाजन रेखा खींचता है। एक तरफ बाबा वेंगा जैसी भविष्यवाक्ता की रहस्यमय दुनिया है जो आत्मा की अमरता और पुनर्जन्म में विश्वास करती है, तो दूसरी तरफ विज्ञान है जो ठोस सबूतों पर आधारित है और मृत्यु को एक अंतिम जैविक समापन मानता है। यह एक ऐसा विषय है जहाँ विज्ञान की सीमाएं समाप्त होती हैं और आध्यात्मिकता और विश्वास का क्षेत्र शुरू होता है।
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