राहुल गांधी के एक बयान पर मचा सियासी भूचाल, BJP ने सोनिया गांधी को भी घसीटा
News India Live, Digital Desk: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए एक ऐसा अजीबोगरीब उदाहरण दिया, जिस पर अब सियासी बवाल मच गया है. राहुल गांधी ने सरकार के कामकाज की तुलना एक "ब्राजीलियन मॉडल के हाथ में हाइड्रोजन बम" से कर दी, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन पर तीखा पलटवार करते हुए उन्हें महिला विरोधी और नस्लवादी तक कह डाला.
क्या कहा था राहुल गांधी ने?
सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "मोदी सरकार का काम एक खूबसूरत ब्राजीलियन मॉडल की तरह है, जिसके हाथ में एक हाइड्रोजन बम है. ऊपर से देखने में सब कुछ बहुत अच्छा और आकर्षक लगता है, लेकिन असल में वह बेहद खतरनाक और विनाशकारी है."
BJP का तीखा पलटवार: "इटली की महिला ने भी तो यहां वोट डाला था"
राहुल के इस बयान के सामने आते ही बीजेपी ने पलटवार करने में ज़रा भी देर नहीं लगाई. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी को घेरते हुए पुरानी बातें याद दिला दीं और सीधे-सीधे उनकी मां सोनिया गांधी पर निशाना साध दिया.
पूनावाला ने कहा, "यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने ऐसी महिला विरोधी और रंगभेदी टिप्पणी की है. अभी कुछ समय पहले ही सैम पित्रोदा ने दक्षिण भारतीयों के रंग को लेकर आपत्तिजनक बात कही थी. अब राहुल गांधी ब्राजीलियन मॉडल का ज़िक्र कर रहे हैं. यह उनकी सामंती और महिला-विरोधी मानसिकता को दिखाता है."
इसके बाद पूनावाला ने सीधा हमला बोलते हुए कहा, "उन्हें याद रखना चाहिए कि एक इटली की महिला (सोनिया गांधी) ने भी भारत में मतदान किया है. तब उन्हें कोई आपत्ति नहीं हुई? विदेशी मॉडलों का ज़िक्र करने से पहले उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए."
"फ्लॉप शो से ध्यान भटकाने की कोशिश"
बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस एक "फ्लॉप शो" थी और अपनी नाकामी से ध्यान भटकाने के लिए वह इस तरह के ऊल-जुलूल बयान दे रहे हैं. पूनावाला ने मोदी सरकार की महिला-हितैषी योजनाओं, जैसे उज्ज्वला योजना, मातृ वंदना योजना का ज़िक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से महिलाओं का अपमान करती आई है, जबकि पीएम मोदी ने उन्हें सशक्त बनाने का काम किया है.
राहुल गांधी के इस एक बयान ने राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है, जहां विकास और नीतियों के मुद्दे पीछे छूट गए हैं और व्यक्तिगत हमले तेज़ हो गए हैं.
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