पाकिस्तान में सियासी उबाल जेल में इमरान खान और सड़कों पर PTI का करो या मरो का फैसला
News India Live, Digital Desk: अगर आप पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान की खबरों पर नजर रखे हुए हैं, तो आपने देखा होगा कि वहां का माहौल एक बार फिर बेहद तनावपूर्ण हो गया है। ऐसा लग रहा है मानो देश की राजधानी इस्लामाबाद किसी युद्ध के मैदान में बदल गई हो। वजह वही पुरानी लेकिन जोश एकदम नया है Imran Khan In Jail News और उनकी रिहाई की मांग।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), जो पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी है, ने सरकार के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा खोल दिया है। इसे उन्होंने "फाइनल कॉल" का नाम दिया है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर अचानक हालात इतने क्यों बिगड़ गए कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी को सील करना पड़ गया? आइए आसान भाषा में समझते हैं।
सड़कों पर कंटेनर और इंटरनेट बंद: आखिर हो क्या रहा है?
जब आप इस्लामाबाद की तस्वीरों को देखेंगे, तो आपको सड़कें कम और बड़े-बड़े शिपिंग कंटेनर ज्यादा नजर आएंगे। Pakistan Islamabad Situation Today यह है कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए शहर के रास्तों को ब्लॉक कर दिया है। डी-चौक, जो वहां के विरोध प्रदर्शनों का मुख्य केंद्र माना जाता है, उसे पूरी तरह से किले में तब्दील कर दिया गया है।
लोगों की बातचीत को रोकने और सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से बचाने के लिए इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं कई इलाकों में ठप कर दी गई हैं। यह सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इमरान खान ने जेल से ही अपने समर्थकों को "आर-पार की लड़ाई" का संदेश भिजवाया है।
इमरान खान की 'फाइनल कॉल' का मतलब क्या है?
अदियाला जेल में बंद इमरान खान एक साल से ज्यादा समय से कैद में हैं। उनकी पार्टी का कहना है कि अब पानी सिर से ऊपर चला गया है। PTI Protest Reason सिर्फ इमरान की रिहाई नहीं है, बल्कि यह हालिया चुनावों में कथित धांधली और सरकार की मनमानी के खिलाफ एक गुस्सा भी है।
इस बार विरोध प्रदर्शन का चेहरा भी थोड़ा अलग है। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और इमरान खान की पत्नी, बुशरा बीबी, इस प्रोटेस्ट को लीड कर रही हैं। यह पहली बार है जब बुशरा बीबी इतनी आक्रामकता के साथ राजनीतिक मोर्चे पर सबसे आगे खड़ी नजर आ रही हैं। वे अपने समर्थकों के साथ इस्लामाबाद की ओर बढ़ रही हैं और उनका एक ही मकसद है—इमरान खान को वापस लाना।
आम जनता और पुलिस के बीच झड़पें
रावलपिंडी और इस्लामाबाद के बॉर्डर पर माहौल सबसे ज्यादा खराब है। प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स हटाने की कोशिश कर रहे हैं, और जवाब में पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। खैबर पख्तूनख्वा से आने वाले रास्तों पर Clashes in Islamabad की खबरें लगातार आ रही हैं। सरकार ने स्थिति को संभालने के लिए रेंजरों को तैनात कर दिया है और धारा 144 लगा दी गई है, जिसका मतलब है कि लोग भीड़ में इकट्ठा नहीं हो सकते।
लेकिन, PTI के कार्यकर्ता भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वे क्रेन और भारी मशीनरी साथ लाए हैं ताकि रास्ते में रखे गए कंटेनरों को हटा सकें।
आगे क्या होगा?
अभी जो स्थिति बनी हुई है, वह किसी सस्पेंस फिल्म जैसी है। एक तरफ सरकार अपनी पूरी ताकत के साथ प्रदर्शनकारियों को डी-चौक तक पहुंचने से रोक रही है, तो दूसरी तरफ PTI के समर्थक यह मानकर चल रहे हैं कि अगर वे अब पीछे हटे, तो इमरान खान का जेल से बाहर आना मुश्किल हो जाएगा।
यह Imran Khan Release Update का इंतज़ार कर रहे उनके लाखों समर्थकों के लिए एक परीक्षा की घड़ी है। क्या सरकार दबाव में आकर बातचीत का रास्ता खोलेगी या फिर सख्ती और बढ़ाई जाएगी? यह आने वाले 24 से 48 घंटे तय करेंगे। फिलहाल, पाकिस्तान की राजनीति में सन्नाटा कम और शोर बहुत ज्यादा है।
अगर आप पाकिस्तान की राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह घटनाक्रम देखने लायक है क्योंकि यह सिर्फ एक प्रोटेस्ट नहीं, बल्कि पाकिस्तान के भविष्य की रस्साकशी है।
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