Planets and relatives in astrology: रिश्तों का आईना, जिसमें दिखते हैं हमारे ग्रह
Planets and relatives in astrology: कभी सोचा है कि घर में पापा के साथ क्यों ज़्यादा बहस होती है? या मम्मी की सेहत क्यों नरम-गरम रहती है? दोस्तों के साथ बनती-बनती बात क्यों बिगड़ जाती है? हम अक्सर इन बातों को सिर्फ़ इत्तेफ़ाक समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं. लेकिन ज्योतिष की मानें तो हमारे रिश्तों का सीधा कनेक्शन हमारे ग्रहों से होता है. जिस तरह आसमान में बैठे ये ग्रह हमारी किस्मत तय करते हैं, उसी तरह हमारे अपने भी इन ग्रहों का ही एक रूप होते हैं.
अगर आपके रिश्ते अच्छे हैं, तो समझिए आपके ग्रह आपका साथ दे रहे हैं. और अगर रिश्तों में बेवजह की खटास है, तो कहीं न कहीं कोई ग्रह आपसे नाराज़ ज़रूर है. चलिए, आज रिश्तों के आईने में अपने ग्रहों का हाल जानते हैं.
कौन-सा रिश्ता, किस ग्रह से जुड़ा है?
- सूर्य और पिता: सूरज को ग्रहों का राजा माना जाता है, ठीक वैसे ही जैसे परिवार में पिता का दर्जा होता है. अगर आपकी अपने पिता से नहीं बनती, उनकी सेहत ठीक नहीं रहती या आपके बॉस के साथ आपके रिश्ते अच्छे नहीं हैं, तो समझ जाइए कि आपकी कुंडली में सूर्य कमज़ोर है. इसका सबसे सरल उपाय है कि आप अपने पिता का सम्मान करें, उनकी सेवा करें. आप देखेंगे कि आपके जीवन में मान-सम्मान खुद-ब-खुद बढ़ने लगेगा.
- चंद्रमा और माँ: चंद्रमा हमारे मन और भावनाओं का प्रतीक है, और माँ ममता का. अगर आपका मन बेचैन रहता है, आप छोटी-छोटी बातों पर परेशान हो जाते हैं या माँ के साथ आपके संबंध ठीक नहीं हैं, तो इसका मतलब है कि आपका चंद्रमा कमज़ोर है. अपनी माँ का ख़याल रखिए, उनका सम्मान कीजिए. आपका मन भी शांत रहेगा और जीवन में सुकून भी आएगा.
- मंगल और भाई-बहन: मंगल ग्रह को ऊर्जा और हिम्मत का कारक माना जाता है और भाई-बहन हमारे जीवन में वही हिम्मत होते हैं. अगर आपके अपने भाई-बहनों से झगड़े होते हैं या रिश्ते में दूरियां हैं, तो समझें कि आपका मंगल ग्रह ठीक नहीं है. अपने भाइयों के साथ स्नेह बनाए रखें, उनकी मदद करें. आपकी ऊर्जा सही दिशा में लगने लगेगी.
- बुध और ननिहाल पक्ष: बुध ग्रह हमारी बुद्धि और संवाद का प्रतीक है. हमारी बहनें, बुआ और मौसी इसी ग्रह से जुड़ी होती हैं. अगर इन रिश्तों में खटास है या दोस्त आपको धोखा देते हैं, तो यह कमज़ोर बुध की निशानी है. इन रिश्तों को सम्मान दें, उन्हें छोटे-छोटे उपहार देते रहें. आपकी वाणी में मिठास और बुद्धि में तेज़ी आएगी.
- बृहस्पति (गुरु) और बड़े-बुज़ुर्ग: बृहस्पति ग्रह को ज्ञान और सौभाग्य का देवता माना जाता है. हमारे गुरु, शिक्षक और घर के बड़े-बुज़ुर्ग इसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं. अगर आप अपने बड़ों का सम्मान नहीं करते या गुरुजनों से सही व्यवहार नहीं करते, तो आप अनजाने में अपने बृहस्पति को कमज़ोर कर रहे हैं. अपने बड़ों की सेवा करें और उनका आशीर्वाद लें, आपकी क़िस्मत चमक जाएगी.
- शुक्र और जीवनसाथी: शुक्र ग्रह हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और प्रेम का कारक है. पत्नी या पति और घर की सभी महिलाएं इसी ग्रह का स्वरूप होती हैं. जिस घर में पत्नी का सम्मान नहीं होता, वहां कभी लक्ष्मी नहीं टिकती. अगर आप अपनी पत्नी का सम्मान नहीं करते, तो आप अपने जीवन की सुख-सुविधाओं को खुद ही ख़त्म कर रहे हैं.
- शनि और सेवक: शनि न्याय के देवता हैं. हमारे नीचे काम करने वाले लोग, हमारे घर के नौकर-चाकर, शनि का ही रूप होते हैं. अगर आप उनका हक़ मारते हैं, उन्हें परेशान करते हैं, तो समझ लीजिए कि आप शनिदेव को नाराज़ कर रहे हैं. फिर जब शनि की दशा आती है, तो आपको अपने कर्मों का फल ज़रूर मिलता है.
- राहु और ससुराल पक्ष: ज्योतिष में राहु का संबंध ससुराल पक्ष से माना गया है. साथ ही, साफ़-सफ़ाई करने वाले लोग भी राहु का ही प्रतिनिधित्व करते हैं. अगर आप सफ़ाई कर्मचारियों का शोषण करते हैं, तो आप अपने राहु को ख़राब कर रहे हैं.
- केतु और नाना-नानी: केतु का संबंध हमारे पूर्वजों और नाना-नानी के परिवार से होता है. अपने पूर्वजों को याद करना, उनके नाम पर दान-पुण्य करने से केतु ग्रह शांत रहता है और जीवन में अचानक आने वाली परेशानियों से बचाता है.
रिश्ते सिर्फ़ कहने-सुनने के लिए नहीं होते, वे हमारे ग्रहों को ठीक करने का सबसे आसान और सच्चा रास्ता हैं. अपने रिश्तों को प्यार और सम्मान से सींचिए, आपके ग्रह अपने आप मेहरबान हो जाएंगे.
--Advertisement--