Perfume Tips And Tricks : ख़ुशबू के चक्कर में कहीं आप अपनी स्किन को बर्बाद तो नहीं कर रहे?

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तैयार होकर घर से निकलने से पहले आख़िरी काम क्या होता है? ज़ाहिर है, परफ्यूम लगाना. अच्छी ख़ुशबू न सिर्फ़ हमारा मूड अच्छा करती है, बल्कि हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ाती है. और जब बात पसीने की बदबू की आती है, तो हम सबसे पहले परफ्यूम की बोतल उठाकर सीधे अपने अंडरआर्म्स यानी कांख पर स्प्रे कर लेते हैं. है न?

अगर आप भी ऐसा ही करते हैं, तो रुक जाइए. आपकी यह छोटी-सी आदत, जिसे आप होशियारी समझ रहे हैं, असल में आपकी स्किन के लिए एक बहुत बड़ा ख़तरा है. यह हम नहीं, बल्कि दुनिया भर के स्किन के डॉक्टर यानी डर्मेटोलॉजिस्ट कह रहे हैं.

क्यों है अंडरआर्म्स पर परफ्यूम लगाना ख़तरनाक?

  1. वहाँ की स्किन बहुत नाज़ुक होती है: हमारे अंडरआर्म्स की त्वचा शरीर के बाकी हिस्सों के मुक़ाबले बहुत ज़्यादा पतली और संवेदनशील होती है. जब आप तेज़ केमिकल और अल्कोहल वाला परफ्यूम सीधे इस नाज़ुक त्वचा पर स्प्रे करते हैं, तो यह उसे जला सकता है.
  2. पसीने की ग्रंथियों का घर: अंडरआर्म्स में पसीने की ग्रंथियां सबसे ज़्यादा होती हैं. परफ्यूम इन ग्रंथियों के मुंह को बंद कर सकता है, जिससे पसीना ठीक से बाहर नहीं निकल पाता. यह अंदर ही अंदर इन्फेक्शन पैदा कर सकता है.
  3. क्या हो सकती हैं समस्याएं?
    • जलन और खुजली: परफ्यूम में मौजूद अल्कोहल त्वचा की नमी सोख लेता है, जिससे जलन, खुजली और लाल चकत्ते हो सकते हैं।
    • काले धब्बे: नियमित रूप से परफ्यूम लगाने से वहां की नाज़ुक त्वचा धीरे-धीरे काली पड़ने लगती है, जिसे हाइपरपिगमेंटेशन कहते हैं.
    • फंगल इन्फेक्शन: जब पसीने की ग्रंथियां अवरुद्ध हो जाती हैं, तो वहां नमी और बैक्टीरिया जमा होने लगते हैं, जो सीधे तौर पर फंगल संक्रमण को आमंत्रित करते हैं।

तो फिर क्या करें? समझिए परफ्यूम और डिओडोरेंट का फ़र्क़

यह सबसे ज़रूरी बात है. परफ्यूम और डिओडोरेंट, दोनों का काम अलग-अलग है:

  • डिओडोरेंट (Deodorant): यह ख़ास तौर पर अंडरआर्म्स के लिए ही बनाया जाता है. इसका काम ख़ुशबू देना नहीं, बल्कि पसीने की बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को ख़त्म करना होता है.
  • परफ्यूम (Perfume): इसका काम सिर्फ़ और सिर्फ़ ख़ुशबू देना होता है. इसका पसीने की बदबू से कोई लेना-देना नहीं है.

यह है ख़ुशबू लगाने का सही और सुरक्षित तरीक़ा

  • अंडरआर्म्स के लिए: हमेशा एक अच्छा, अल्कोहल-फ्री डिओडोरेंट या एंटी-पर्सपिरेंट ही इस्तेमाल करें.
  • परफ्यूम के लिए: परफ्यूम को हमेशा शरीर के 'पल्स पॉइंट्स' पर लगाना चाहिए. ये वो जगहें हैं जहां नसें त्वचा के क़रीब होती हैं और शरीर की गर्मी से ख़ुशबू फैलती है, जैसे - कलाई पर, गर्दन पर, कान के पीछे और कोहनी के अंदरूनी हिस्से में.

कपड़ों पर परफ्यूम लगाना भी एक अच्छा विकल्प है. अगली बार जब आप तैयार हों, तो याद रखें - डिओडोरेंट अंडरआर्म्स के लिए है और परफ्यूम बाक़ी शरीर के लिए. महकना ज़रूरी है, पर अपनी सेहत को दांव पर लगाकर नहीं.

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