बिहार वासियों क्या एक सरकारी कर्मचारी, वो भी डाकिया, बम धमाकों की साजिश में शामिल हो सकता है?
News India Live, Digital Desk: आज सुबह-सुबह बिहार के एक शांत से मोहल्ले में जब गाड़ियों का काफिला रुका और भारी तादाद में पुलिस वाले उतरे, तो किसी को अंदाजा भी नहीं था कि माजरा क्या है। बात हो रही है देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी NIA (National Investigation Agency) की, जिसने एक बार फिर बिहार में दस्तक दी है।
लेकिन इस बार उनका निशाना कोई कुख्यात अपराधी नहीं, बल्कि डाक विभाग से रिटायर हुआ एक बुजुर्ग कर्मचारी है। नाम है मोहमम्द हद्दी (Mohammad Haddi)।
दिल्ली ब्लास्ट और बिहार के तार
यह पूरी कार्रवाई दिल्ली बम धमाकों (Delhi Bomb Blast Case) से जुड़ी हुई बताई जा रही है। जांच एजेंसियों को सुराग मिला था कि इस धमाके के तार कहीं न कहीं बिहार से जुड़े हैं। इसी कड़ी में NIA की टीम सीधे मो. हद्दी के घर पहुंच गई।
हैरानी की बात यह है कि हद्दी एक रिटायर्ड पोस्टमास्टर हैं। आस-पास के लोग उन्हें एक साधारण बुजुर्ग समझते थे, जो अपनी रिटायरमेंट की जिंदगी गुजार रहे थे। लेकिन जैसे ही उनके घर की तलाशी शुरू हुई, गांव में सन्नाटा पसर गया।
मोबाइल जब्त, कई राज खुलने बाकी
छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी ने पूरा घर खंगाला। हालांकि, अभी तक किसी विस्फोटक के मिलने की खबर नहीं है, लेकिन टीम ने हद्दी का मोबाइल फोन (Mobile Phone) जब्त कर लिया है।
सूत्रों का कहना है कि इसी मोबाइल में कई अहम राज छिपे हो सकते हैं। क्या हद्दी किसी के संपर्क में थे? क्या उन्हें किसी साजिश की जानकारी थी? या फिर उनका इस्तेमाल (Brainwash) किया गया? जांच अधिकारी इन्हीं सवालों के जवाब तलाशने में जुट गए हैं।
परिवार में कोहराम
अचानक हुई इस रेड से हद्दी का परिवार और मोहल्ले के लोग सहमे हुए हैं। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि उनके बीच रहने वाला व्यक्ति आतंकी गतिविधियों (Terror Activities) के दायरे में आ सकता है।
बिहार में पहले भी 'दरभंगा मॉड्यूल' और 'फुलवारी शरीफ मॉड्यूल' की चर्चा होती रही है। ऐसे में रिटायर्ड पोस्टमास्टर के घर रेड पड़ना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी लीड हो सकती है।
आगे क्या होगा?
अभी पूछताछ जारी है। जब्त किए गए मोबाइल की फॉरेंसिक जांच होगी, जिसके बाद ही साफ हो पाएगा कि दिल्ली धमाकों में हद्दी की भूमिका कितनी गहरी है।
दोस्तों, यह खबर हमें सतर्क करती है। कब कौन सा चेहरा क्या रूप लेकर हमारे बीच रह रहा है, पहचानना मुश्किल है।
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