Palmistry : क्या आप जानते हैं अपनी हथेली में? गरुड़ पुराण बताता है जीवन और मृत्यु के सबसे बड़े संकेत
News India Live, Digital Desk: अक्सर हम अपनी किस्मत और भविष्य को जानने के लिए कई चीज़ों पर भरोसा करते हैं, और हस्तरेखा शास्त्र (पामिस्ट्री) भी उनमें से एक है. क्या आपको पता है कि हमारे धार्मिक ग्रंथ, 'गरुड़ पुराण' में भी हथेली की रेखाओं के बारे में कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं, जो सीधे हमारे जीवन और मृत्यु से जुड़ी हैं? यह बात सुनने में शायद आपको चौंका दे, लेकिन गरुड़ पुराण के अनुसार, हमारी हथेलियों की कुछ खास रेखाओं में हमारे जीवन के अहम पड़ाव और यहाँ तक कि हमारी अंतिम यात्रा तक के संकेत छिपे हो सकते हैं.
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि किसी व्यक्ति की हथेली पर बनी रेखाएँ केवल उसका भाग्य या उसके भविष्य को ही नहीं बतातीं, बल्कि कुछ ऐसे बारीक संकेत भी देती हैं जिनसे व्यक्ति की आयु और उसके अंतिम समय का भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है. यह ग्रन्थ कर्म और उसके फल पर ज़ोर देता है, लेकिन साथ ही उन भौतिक चिह्नों को भी पहचानता है जो जीवनचक्र का हिस्सा हैं.
कुछ ज्योतिष विशेषज्ञ और प्राचीन विद्या के जानकार मानते हैं कि गरुड़ पुराण के इन विचारों का सार यह है कि व्यक्ति की हथेली पर जीवन रेखा, हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा का गहरा संबंध उसकी शारीरिक और मानसिक सेहत से होता है. इन रेखाओं की लंबाई, गहराई, उन पर पड़ने वाले निशान या फिर उनका कटना-फटना, ये सभी व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन शक्ति को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि अगर कोई रेखा विशेष रूप से खंडित या कमजोर दिखती है, तो वह किसी आने वाले संकट या शारीरिक दुर्बलता का संकेत हो सकती है. हालांकि, ये सब सिर्फ़ संकेत मात्र हैं और इन्हें पूर्ण सत्य नहीं माना जाना चाहिए.
गरुड़ पुराण की यह जानकारी हमें एक गहरे दर्शन की ओर ले जाती है. यह बताता है कि हमारा शरीर और हमारे हाथ सिर्फ कर्म करने के साधन नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजन्म और इस जन्म के अनुभवों का एक आईना भी हैं. यह हमें कर्म करने और सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है, ताकि हम अपने जीवन को बेहतर बना सकें, क्योंकि हस्तरेखाएं बदलती भी रहती हैं. कुल मिलाकर, यह जानकारी हमें अपने जीवन को समझने और हर पल को बेहतर ढंग से जीने का संदेश देती है.
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