Uttarakhand Weather: पहाड़ों पर अगले 48 घंटे भारी, देहरादून समेत इन जिलों में IMD का 'ऑरेंज अलर्ट'
मानसून के मौसम में देवभूमि उत्तराखंड की खूबसूरती जितनी मनमोहक होती है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है। पिछले कुछ दिनों की शांति के बाद, अब एक बार फिर राज्य पर आफत के बादल मंडराने लगे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक ताजा और गंभीर चेतावनी जारी करते हुए देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर, और चमोली समेत कई जिलों के लिए अगले 48 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश का 'ऑरेंज अलर्ट' (Orange Alert) जारी किया है।
यह चेतावनी इस बात का संकेत है कि राज्य में एक बार फिर भूस्खलन (Landslides), अचानक आने वाली बाढ़ (Flash Floods), और नदियों के उफान जैसी खतरनाक घटनाएं हो सकती हैं। प्रशासन पूरी तरह से हाई अलर्ट मोड पर आ गया है और स्थानीय निवासियों के साथ-साथ पर्यटकों को भी अतिरिक्त सावधानी बरतने की सख्त सलाह दी गई है।
क्या होता है 'ऑरेंज अलर्ट'? (समझें खतरे का स्तर)
मौसम विभाग खतरे के स्तर को दर्शाने के लिए रंगों का उपयोग करता है। 'ऑरेंज अलर्ट' एक गंभीर चेतावनी होती है।
- मतलब: इसका मतलब है "तैयार रहें" (Be Prepared)। यह इस बात का संकेत है कि मौसम बेहद खराब हो सकता है और इससे जन-जीवन, संपत्ति और व्यवस्था बाधित होने की प्रबल आशंका है। अधिकारियों को किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए जाते हैं।
इन जिलों पर रहेगा सबसे ज्यादा असर
मौसम विभाग के देहरादून केंद्र के अनुसार, आज (18 अगस्त, 2025) और कल का दिन पूरे राज्य के लिए, खासकर कुछ जिलों के लिए, बेहद नाजुक रहने वाला है।
- ऑरेंज अलर्ट वाले जिले: राजधानी देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, बागेश्वर, और चमोली में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की बौछारें पड़ने की आशंका है। इन जिलों में प्रशासन को विशेष रूप से चौकन्ना रहने को कहा गया है।
- येलो अलर्ट वाले जिले: इनके अलावा, नैनीताल, टिहरी, रुद्रप्रयाग, और पिथौरागढ़ जैसे जिलों के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया ਹੈ, जिसका मतलब है कि यहां भी भारी बारिश हो सकती है और लोगों को मौसम पर नजर बनाए रखनी चाहिए।
क्यों बिगड़ रहा है मौसम का मिजाज?
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, इस भारी बारिश के पीछे मानसून ट्रफ का अपनी सामान्य स्थिति में होना और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी से भरपूर हवाओं का मिलना मुख्य कारण है। जब यह नम हवाएं हिमालय के पहाड़ों से टकराती हैं, तो वे भारी बारिश का रूप ले लेती हैं।
प्रशासन की तैयारी और नागरिकों के लिए सुरक्षा सलाह
इस अलर्ट के बाद राज्य सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं।
- SDRF/NDRF टीमें अलर्ट पर: राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और NDRF की टीमों को संवेदनशील स्थानों पर अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
- भूस्खलन संभावित क्षेत्रों पर नजर: भूस्खलन के प्रति संवेदनशील सड़कों और इलाकों की पहचान कर वहां जेसीबी मशीनें और बचाव दल तैनात किए जा रहे है।
- नदियों के जलस्तर की निगरानी: गंगा, यमुना, अलकनंदा, और मंदाकिनी जैसी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर 24x7 नजर रखी जा रही है।
नागरिकों और पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण सलाह:
- पहाड़ी यात्रा से बचें: जब तक बहुत ज़रूरी न हो, अगले 2-3 दिनों के लिए पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें।
- नदी-नालों से दूर रहें: भारी बारिश के दौरान नदियों और बरसाती नालों का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है। इनके किनारों पर जाने का जोखिम बिल्कुल न लें।
- रात में सफर न करें: रात के समय पहाड़ी सड़कों पर यात्रा करना और भी खतरनाक हो सकता है, क्योंकि भूस्खलन का पता नहीं चलता।
- सुरक्षित स्थान पर रहें: यदि आप पहले से ही उत्तराखंड में हैं, तो सुरक्षित स्थानों पर रहें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।
आने वाले 48 घंटे उत्तराखंड के लिए किसी 'अग्निपरीक्षा' से कम नहीं हैं। थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता एक बड़ी त्रासदी को टाल सकती है।
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