OPEC+ का तेल उत्पादन बढ़ाने का ऐलान—रूस, ट्रंप की डेडलाइन और भारत पर क्या होगा असर?

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OPEC+ देशों (रूस, इराक, सऊदी अरब, यूएई, कजाकिस्तान, कुवैत, अल्जीरिया, ओमान) ने सितंबर से हर दिन 5,47,000 बैरल अतिरिक्त क्रूड तेल उत्पादन करने का फैसला किया है। इससे पहले 2023 में इन्होंने 2.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन की कटौती की थी ताकि कीमतें ऊपर रहें। अब यह कटौती सितंबर 2026 तक चलनी थी, लेकिन नए फैसले की वजह से पहले ही खत्म हो जाएगी।

क्यों लिया गया यह फैसला—क्या है ट्रंप और पुतिन कनेक्शन?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए व्लादिमीर पुतिन को 8 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया है।

अगर ऐसा नहीं हुआ तो ट्रंप ने उन देशों पर सख्त टैरिफ और पेनल्टी लगाने की चेतावनी दी है, जो रूस से तेल खरीदना जारी रखेंगे।

भारत, रूस के तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है—इसलिए वह अमेरिकी नजर में है।

हाल में व्हाइट हाउस ने भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ का ऐलान भी किया है, साथ ही रूस से जुड़े व्यापार पर अतिरिक्त दंडात्मक कार्रवाई की पुष्टि की है।

भारत पर क्या होगा असर?

कम दाम पर तेल: OPEC+ की सप्लाई बढ़ने से वैश्विक मार्केट में तेल के दाम घट सकते हैं, जिससे भारत को फायदा़ होगा क्योंकि वह दुनिया का बड़ा आयातक है।

रूसी तेल की खरीद: अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत ने कहा है कि वह रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा—इन फैसलों का आधार कीमत, सप्लाई, स्टोरेज और बिज़नेस लॉजिक पर रहेगा।

टैरिफ और पेनल्टी का खतरा: ट्रंप प्रशासन ने जो देश रूस से तेल खरीदते हैं उन पर नए टैक्स, प्रतिबंध और शिपिंग-इंश्योरेंस संबंधी कठिनाईयाँ लागू करने की चेतावनी दी है। इससे भारत की रूसी तेल सप्लाई को झटका लग सकता है।

EU बैन का इफेक्ट: 2026 से EU का रूसी तेल पर बैन लागू हो जाएगा, इससे भारतीय रिफाइनरियों को तेल के सोर्स और क्वॉलिटी का ध्यान रखना पड़ेगा।

लॉन्ग टर्म अनिश्चितता: अमेरिकी और यूरोपीय पॉलिसी के अपडेट्स के चलते भारत को अपनी इंपोर्ट रणनीति लगातार बदलनी होगी।

OPEC+ का तेल उत्पादन बढ़ाना भारत के लिए शॉर्ट टर्म में राहत की खबर है। लेकिन रूसी तेल पर अमेरिकी टैरिफ-प्रतिबंध, ट्रंप की डेडलाइन, और EU के आने वाले बैन के कारण भारत को अपने तेल इंपोर्ट प्लान में स्मार्ट संतुलन बनाना पड़ेगा। फिलहाल कम कीमत का फायदा जरूर मिलेगा, लेकिन आगे फाइनेंशियल और लॉजिस्टिक्स चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं।

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