एक कश... और इंसान बन जाता है 'ज़ॉम्बी'! जापान की इस नई ड्रग ने मचाया हड़कंप

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अपनी तकनीक और अनुशासन के लिए मशहूर जापान आज एक अजीबोगरीब और भयावह संकट से जूझ रहा है। वहाँ के युवाओं में एक नई तरह की ई-सिगरेट तेज़ी से फैल रही है, जिसे पीने के बाद इंसान चलता-फिरता 'ज़ॉम्बी' बन जाता है। इसे 'ज़ॉम्बी सिगरेट' नाम दिया गया है।

यह कोई मज़ाक नहीं है। यह एक गंभीर नशा संकट है, जो जापान की सड़कों पर अजीबोगरीब नज़ारे पेश करता है और पुलिस को परेशान करता है।

लेकिन इन 'ज़ॉम्बी सिगरेट' का अंत क्या है?

यह कोई साधारण वेप या ई-सिगरेट नहीं है। इसके तरल में एटोमिडेट नाम की एक बेहद खतरनाक दवा मिलाई जा रही है। यह एक शक्तिशाली एनेस्थेटिक है, जिसका इस्तेमाल विदेशों में बड़ी सर्जरी के दौरान मरीज़ों को बेहोश करने के लिए किया जाता है।

जब कोई वेप के ज़रिए इसे अंदर लेता है, तो वह अपने शरीर पर पूरी तरह से नियंत्रण खो देता है। वह लड़खड़ाने लगता है, अजीब हरकतें करने लगता है और बेहोश हो जाता है - बिल्कुल हॉलीवुड फिल्मों में दिखाए गए ज़ॉम्बी की तरह।

यह दवा कितनी खतरनाक है?

यह न केवल शरीर पर नियंत्रण खो देता है, बल्कि इसके प्रभाव बेहद डरावने होते हैं:

लोगों को अजीबोगरीब चीज़ें (मतिभ्रम) दिखाई देने और महसूस होने लगती हैं।

अचानक दौरे पड़ने लगते हैं

दिमाग काम करना बंद कर देता है। सबसे बड़ा खतरा यह है कि शरीर के अंग भी काम करना बंद कर सकते हैं।

अपराधी कानून के शिकंजे से कैसे बच रहे थे?

सबसे हैरानी की बात यह है कि यह खतरनाक ड्रग 'एटोमिडेट' इस साल मई तक जापान में अवैध भी नहीं था! इन्हीं कानूनी खामियों का फायदा उठाकर ड्रग डीलरों ने इसे युवाओं में फैलाया। जब तक सरकार जागी, यह एक बड़ी समस्या बन चुकी थी। अब पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है, लेकिन अपराधी कानून से दो कदम आगे हैं।

यह खतरनाक ड्रग नेटवर्क कैसे काम करता है?

यह कोई छोटा-मोटा काम नहीं है, इसके पीछे एक पूरा अंतरराष्ट्रीय रैकेट है, जिसके तार कई देशों से जुड़े हैं:

चीन और ताइवान: वहाँ के माफिया गिरोह इसकी सप्लाई करते हैं।

वियतनाम: इसे बनाने का एक बड़ा केंद्र वियतनाम में है।

जापान का याकूज़ा: जापान का अपना माफिया 'याकूज़ा' भी इसमें शामिल है।

इनकी तस्करी का तरीका भी फ़िल्मी है। ये लोग समुद्र के बीचों-बीच एक जहाज से दूसरे जहाज में सामान की अदला-बदली करते हैं, ताकि अगर पुलिस आ भी जाए, तो सारा सामान पानी में फेंककर भाग सकें।

ये सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स के ज़रिए इसे बेच रहे हैं, जिससे इन्हें पकड़ना और भी मुश्किल हो रहा है। ओकिनावा शहर में एक 'ज़ॉम्बी सिगरेट' की कीमत लगभग 20,000 येन (करीब 11,000 रुपये) बताई जाती है।

क्या यह अमेरिका में मौजूद फेंटेनाइल से भी ज़्यादा ख़तरनाक है?

विशेषज्ञों को डर है कि यह संकट अमेरिका में मौजूद फेंटेनाइल संकट से भी बड़ा हो सकता है। फेंटेनाइल एक ऐसा ड्रग है जो हेरोइन से 50 गुना ज़्यादा ख़तरनाक है। अधिकारियों को चिंता है कि अपराधी 'ज़ॉम्बी सिगरेट' में फेंटेनाइल और एटोमिडेट मिला सकते हैं, जिसके बाद यह एक जानलेवा मिश्रण बन जाएगा।

पहले यह समस्या ओकिनावा शहर तक ही सीमित थी, लेकिन अब यह पूरे जापान में फैलने लगी है। इस 'ज़ॉम्बी' महामारी को रोकने के प्रयास में सरकार और पुलिस अब बंदरगाहों और सोशल मीडिया पर अपनी निगरानी बढ़ा रही है।

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