अब बच्चे या स्टाफ भी कर सकेंगे आपके खाते से पेमेंट, BHIM ऐप का यह नया फीचर बदल देगा UPI का तरीका

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क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपका बच्चा कॉलेज गया हो और उसे पैसों की ज़रूरत हो, लेकिन उसका अपना बैंक अकाउंट न हो? या फिर आपके बुजुर्ग माता-पिता दुकान पर कुछ खरीदना चाहते हों, लेकिन वो तकनीक की पेचीदगियों में नहीं पड़ना चाहते? अगर हाँ, तो BHIM App ने आपकी इस मुश्किल का हल निकाल लिया है।

BHIM ऐप ने एक शानदार फीचर 'UPI Circle Full Delegation' लॉन्च किया है। यह फीचर डिजिटल पेमेंट की दुनिया में काफी कुछ बदलने वाला है। आसान शब्दों में कहें तो, अब 'मालिक' एक ही रहेगा, लेकिन उसके खाते से खर्च करने की आजादी उसके 'भरोसेमंद' लोगों को भी मिलेगी।

क्या है यह 'UPI Circle Full Delegation'? (सरल भाषा में)

अभी तक क्या होता था कि UPI चलाने के लिए आपका खुद का बैंक खाता होना जरूरी था। लेकिन इस नए फीचर के तहत, अगर आप (प्राइमरी यूजर) चाहें, तो अपने परिवार के किसी सदस्य या अपने ऑफिस के स्टाफ (सेकेंडरी यूजर) को अपने बैंक खाते से पेमेंट करने की अनुमति दे सकते हैं।

सबसे खास बात यह है कि उस दूसरे व्यक्ति को अपना बैंक अकाउंट या अलग से UPI ID बनाने की कोई ज़रूरत नहीं है। वो सीधा आपके ही अकाउंट के बैलेंस का इस्तेमाल करके पेमेंट कर सकेगा।

जेब खर्च पर रहेगा पूरा कंट्रोल (Safety Features)

आप सोच रहे होंगे कि "ऐसे तो कोई मेरा पूरा खाता खाली कर देगा!"। घबराइए नहीं, कंट्रोल पूरी तरह आपके हाथ में होगा।

  1. खर्च की सीमा (Limit): आप इस फीचर के जरिए महीने में अधिकतम ₹15,000 तक की लिमिट तय कर सकते हैं। यानी इससे ज्यादा पैसा आपके खाते से नहीं निकलेगा।
  2. तुरंत खबर: जब भी आपका बच्चा या स्टाफ कोई पेमेंट करेगा, आपके पास तुरंत नोटिफिकेशन (Message) आ जाएगा कि कहाँ और कितना पैसा खर्च हुआ है।
  3. एक क्लिक में परमिशन कैंसिल: अगर आपको लगता है कि सुविधा का गलत इस्तेमाल हो रहा है या काम खत्म हो गया है, तो आप कभी भी 'डेलिगेशन' को तुरंत बंद (Revoke) कर सकते हैं। आप इसकी समय सीमा 1 महीने से लेकर 5 साल तक सेट कर सकते हैं।

किनके लिए फायदेमंद है ये फीचर?

  • बुजुर्गों के लिए: जो माता-पिता एटीएम जाने या जटिल बैंकिंग ऐप्स चलाने से घबराते हैं, वे अब आसानी से आपके द्वारा दी गई लिमिट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • कॉलेज स्टूडेंट्स: जिनके पास अपना कमाई का जरिया नहीं है, वे माता-पिता के दिए गए डिजिटल "पॉकेट मनी" का उपयोग कर सकते हैं।
  • छोटे व्यापारी: दुकानदार अपने स्टाफ को चाय-नाश्ते या छोटे-मोटे खर्चों के लिए कैश देने के बजाय यह डिजिटल एक्सेस दे सकते हैं।

'आधे' से 'पूरा' हुआ डेलिगेशन

साल 2024 में पहले 'पार्शियल डेलिगेशन' (Partial Delegation) आया था, जिसमें दूसरे व्यक्ति को पेमेंट करने के लिए हर बार आपसे मंजूरी लेनी पड़ती थी। लेकिन अब इस 'फुल डेलिगेशन' (Full Delegation) में उन्हें आजादी मिल गई है, वे बिना बार-बार आपको परेशान किए (लिमिट के अंदर) पेमेंट कर सकते हैं।

NBSL की सीईओ ललिता नटराज कहती हैं कि यह फीचर भारतीय परिवारों के "भरोसे और अपनेपन" को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह वाकई डिजिटल इंडिया की तरफ एक और स्मार्ट कदम है।

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