किसी ब्लड टेस्ट की ज़रूरत नहीं.. सैनिटरी पैड से कैंसर का पता लगाया जा सकता है! वैज्ञानिकों की नई खोज..
महिलाओं का स्वास्थ्य: दुनिया भर में कैंसर के मरीज़ों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस बढ़ोतरी का कारण यह है कि हम इस बीमारी के लक्षणों को जल्दी पहचान नहीं पाते। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कैंसर का शुरुआती दौर में ही पता चल जाए, तो उचित इलाज देकर इसके खतरे को टाला जा सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि भविष्य में महिलाओं के स्वास्थ्य में इस मुद्दे पर क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने इस आश्चर्यजनक खोज का भी ज़िक्र किया है कि सैनिटरी पैड कैंसर का पता लगा सकते हैं।
महिलाओं के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी खोज सामने आ रही है। इसके अनुसार, शोधकर्ताओं ने साधारण सैनिटरी पैड को उन्नत रोग पहचान उपकरण में बदल दिया है। मासिक धर्म के दौरान इस्तेमाल होने वाले ये पैड शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं। वैज्ञानिकों के आविष्कार के अनुसार, यह अत्याधुनिक पीरियड पैड उन बीमारियों का पता लगाने में सक्षम है, जिन्हें पहले रक्त परीक्षण के बिना समझना असंभव था।
यह तकनीक कैसे काम करती है?
इस सैनिटरी पैड में एक 'पेपर-बेस्ड लेटरल फ्लो टेस्ट स्ट्रिप' होती है। यह कोविड रैपिड टेस्ट की तरह है, जिसमें मासिक धर्म के दौरान जब रक्त पैड के ऊपरी हिस्से तक पहुँचता है, तो पैड एंटीबॉडी के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करता है। इससे पैड के ऊपर लगी स्ट्रिप का रंग बदल जाता है। अगर पैड का रंग गहरा है, तो इसका मतलब है कि बीमारी का खतरा ज़्यादा है। फिर पहनने वाली महिला अपने पैड के रंग को देखकर या स्मार्टफोन ऐप से तस्वीर लेकर और एआई के ज़रिए उस रंग का विश्लेषण करके परिणाम की व्याख्या कर सकती है। यह रंगों में सूक्ष्म अंतर का भी पता लगा सकता है।
मासिक धर्म के रक्त में कई प्रोटीन होते हैं जो सामान्य शरीर के रक्त की तरह ही स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान कर सकते हैं। हालाँकि, अब तक चिकित्सा परीक्षणों में इसे गंभीरता से नहीं लिया गया था। लेकिन अब MenstruAI इस क्षमता का दोहन कर रहा है।
इन स्मार्ट पैड्स के ज़रिए आप बिना अस्पताल जाए घर बैठे ही स्वास्थ्य परीक्षण कर सकती हैं। इतना ही नहीं, बीमारी का पता लगाने के लिए किसी सुई या विशेष रक्त संग्रह की भी ज़रूरत नहीं है। इसकी मदद से बीमारी के जोखिम का जल्द पता लगाया जा सकता है और समय पर इलाज शुरू किया जा सकता है। खास बात यह है कि इससे महिलाओं के स्वास्थ्य की आसानी से जाँच की जा सकती है।
इन स्मार्ट सैनिटरी पैड्स के शुरुआती परीक्षणों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। लेकिन अब यह जानने की कोशिश की जा रही है कि यह नवाचार असल ज़िंदगी में कितना कारगर है। नतीजों को और स्पष्ट रूप से जानने के लिए और बदलाव और परीक्षण किए जाने की ज़रूरत है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह सिर्फ़ एक मेडिकल तकनीक नहीं है। बल्कि, यह मासिक धर्म से जुड़ी सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ने का भी एक प्रयास है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मासिक धर्म कोई शर्मनाक बात नहीं, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी का एक अहम स्रोत है। MenstruAI का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में जानने का एक दर्दरहित और प्रभावी तरीका उपलब्ध कराना है। यह बीमारियों का जल्द पता लगाने में अहम भूमिका निभाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह भविष्य में महिलाओं के स्वास्थ्य में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
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