दिल्ली धमाके की जांच में नया मोड़ ,लाल किले के पास मिले 9mm के कारतूस, आखिर कहां से आए?

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News India Live, Digital Desk: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं।इस मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है, जिसने जांच एजेंसियों के सामने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। धमाके वाली जगह से जांच टीम को 9mm के तीन कारतूस मिले हैं, जिनमें से दो जिंदा हैं और एक खोखा है।

यह एक बड़ी बात इसलिए है क्योंकि 9mm के कारतूस आमतौर पर सुरक्षा बल या पुलिस इस्तेमाल करती है और आम लोगों के लिए इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है।सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मौके से कोई पिस्तौल या हथियार नहीं मिला है। अब एजेंसियां इस गुत्थी को सुलझाने में लगी हैं कि आखिर ये कारतूस धमाके वाली जगह पर कैसे पहुंचे।

क्या है पूरा मामला?

10 नवंबर 2025 की शाम दिल्ली का लाल किला এলাকা एक तेज धमाके से दहल गया था। एक चलती कार में हुए इस धमाके में 13 लोगों की जान चली गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना के बाद से ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं।सरकार ने इसे एक आतंकी हमला घोषित किया है।

जांच में अब तक क्या सामने आया?

जांच में पता चला है कि जिस कार में धमाका हुआ, उसे पुलवामा का रहने वाला डॉ. उमर नबी चला रहा था, जिसकी पहचान डीएनए सैंपल से हुई है।इस मामले में पढ़े-लिखे लोगों के एक "व्हाइट कॉलर" टेरर मॉड्यूल का हाथ होने का शक है, जिसमें कई डॉक्टर भी शामिल हैं।जांच का दायरा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से लेकर जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ है और कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं।

कारतूस मिलने से उठे बड़े सवाल

जांच टीम अब इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि:

  • क्या इन कारतूसों का धमाके से कोई सीधा संबंध है?
  • अगर कार में कोई हथियार था, तो वह धमाके के बाद कहां गया?
  • क्या हमलावर का कोई और भी प्लान था?

पुलिस ने मौके पर मौजूद अपने सभी जवानों के गोला-बारूद का मिलान किया है, लेकिन किसी का भी कारतूस कम नहीं पाया गया। इससे यह सवाल और भी गहरा हो गया है कि ये कारतूस किसके थे और यहां तक कैसे पहुंचे। यह मामला अब सिर्फ एक धमाके की जांच तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसके पीछे की बड़ी साजिश का पर्दाफाश करना एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।

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