New face of Munda community in Jamshedpur: गांधाघर मुंडा ने 79 वोटों से दर्ज की शानदार जीत

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News India Live, Digital Desk: New face of Munda community in Jamshedpur:   झारखंड की औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में मुंडा आदिवासी समाज के अध्यक्ष पद के चुनाव संपन्न हो गए हैं। यह चुनाव समाज में नए नेतृत्व को चुनने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूती देने का एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस चुनाव के नतीजों ने मुंडा समाज को अपना नया मुखिया दे दिया है।

यह चुनाव रविवार की दोपहर संपन्न हुआ, जहाँ समाज के सदस्यों ने अपने नए अध्यक्ष के लिए मतदान किया। पूरी चुनावी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से संपन्न हुई, जो समाज की एकजुटता और जिम्मेदारी को दर्शाती है। चुनावी रण में कुल पांच उम्मीदवार मैदान में थे, जिन्होंने अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। इन पांच उम्मीदवारों के नाम हैं: गांधाधर मुंडा, कृष्णदास मुंडा, बाबूलाल मुंडा, सहदेव मुंडा और मंगली मुंडा। हर प्रत्याशी ने समाज की भलाई के लिए अपने विचार और भविष्य की योजनाएं मतदाताओं के सामने रखीं।

जब मतगणना पूरी हुई, तो गांधाधर मुंडा ने शानदार जीत हासिल की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 79 वोटों के अंतर से हराया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि मुंडा समाज के सदस्यों का भरोसा उनके नेतृत्व पर है। गांधाधर मुंडा ने चुनाव जीतने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में समाज के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि "समग्र मुंडा समाज ने मुझ पर भरोसा किया है, जिसके लिए मैं सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं।"

गांधाधर मुंडा ने अपने आगामी कार्यकाल के लिए भी स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी प्राथमिकता पूरे मुंडा समाज को एकजुट करने की होगी। यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में चुनाव अक्सर थोड़े बहुत मतभेद पैदा करते हैं, लेकिन जीत के बाद नेतृत्व की पहली प्राथमिकता सभी को एक मंच पर लाना ही होती है। उन्होंने संकल्प लिया कि समाज के हर सदस्य की बात को सुना जाएगा और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से हल किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी समाज के विभिन्न मुद्दों पर बात करेंगे। यह दिखाता है कि वे समाज के विकास और हितों के लिए हर संभव मंच का उपयोग करने को तैयार हैं।

गांधाधर मुंडा की यह जीत मुंडा समाज के भीतर लोकतंत्र और समावेशिता को मजबूत करती है। यह न केवल समाज के अंदर एक नए नेतृत्व का उदय है, बल्कि यह आदिवासी समाज की स्वयं की पारंपरिक संरचनाओं को लोकतांत्रिक तरीकों से सशक्त बनाने का एक सफल उदाहरण भी है, जो जमशेदपुर जैसे शहरी क्षेत्र में अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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