रेलवे के ज़रूरी नियम: ट्रेन से कंबल, तकिया या चादर ले जाना 'चोरी' के समान! जान लें ये कानूनी पहलू
नई दिल्ली: क्या आप जब ट्रेन में यात्रा करते हैं, खासकर एसी कोच (AC Coach) में, तो मिलने वाले कंबल (Blanket), तकिया (Pillow) या चादर (Sheet) को अपना समझते हैं? क्या कभी आपके मन में यह विचार आया है कि सफर के बाद इन्हें घर ले जाने में क्या हर्ज है? यदि हाँ, तो सावधान (Be Careful) हो जाएं! भारतीय रेलवे (Indian Railways) यात्रियों को आरामदायक सफर (Comfortable Journey) देने के लिए लिनेन (Linen) जैसी सुविधाएं प्रदान करती है, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं कि आप इन्हें अपनी संपत्ति (Own Property) समझ लें। रेलवे संपत्ति (Railway Property) को 'हल्की चोरी' (Petty Theft) में लेना भी भारतीय कानून (Indian Law) की नज़र में एक गंभीर अपराध (Serious Offence) है और इसके लिए कड़ी सजा (Strict Punishment) का प्रावधान है।
क्यों दिए जाते हैं कंबल और चादर? सिर्फ यात्रा के लिए
भारतीय रेलवे (Indian Railways) द्वारा एसी (AC) और फर्स्ट क्लास (First Class) के यात्रियों को यात्रा के दौरान सहूलियत (Comfort) प्रदान करने के लिए लिनेन (Linen) यानी कंबल (Blankets), तकिए (Pillows) और बिस्तर की चादरें (Bed Sheets) उपलब्ध कराई जाती हैं। यह सारी सामान (Items) केवल यात्रा के दौरान (During the Journey) उपयोग के लिए होते हैं। यात्रा पूरी होने पर इन सभी वस्तुओं (Items) को रेलवे के अटेंडेंट (Railway Attendant) को वापस करना अनिवार्य (Mandatory to Return) होता है। इन्हें घर ले जाना (Taking Home) 'रेलवे संपत्ति की चोरी' (Theft of Railway Property) के दायरे में आता है।
कानून क्या कहता है? कितनी हो सकती है सजा?
भारतीय रेल अधिनियम, 1966 (Indian Railway Act 1966) की धारा 3 (Section 3) के तहत रेलवे संपत्ति (Railway Property) की चोरी (Theft) या नुकसान (Damage) पहुंचाने के खिलाफ सख्त कार्रवाई (Strict Action) का प्रावधान है।
पहली बार पकड़े जाने पर: यदि आप पहली बार पकड़े जाते हैं, तो आप पर एक साल तक की जेल (Up to one year in jail) या ₹1,000 तक का जुर्माना (Fine up to ₹1,000) या दोनों (Both) का प्रावधान हो सकता है।
बार-बार अपराध करने पर: वहीं, यदि आप दोबारा पकड़े जाते हैं या मामला गंभीर (Serious Cases) होता है, तो पांच साल तक की जेल (Up to five years in jail) और भारी जुर्माना (Heavy Fine) भी लगाया जा सकता है।
RPF की पैनी नज़र: यात्रियों की होती है जांच
रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force - RPF) के अधिकारी नियमित रूप से ट्रेनों में यात्रियों (Passengers) की जांच (Check) करते रहते हैं। यदि किसी यात्री (Passenger) के पास बिना किसी ठोस कारण (Without Reason) के बेडशीट (Bedsheet), पिलो (Pillow) या ब्लैंकेट (Blanket) पाई जाती है और वह उसे लौटाने (Return) में असमर्थ रहता है, तो कानूनी कार्रवाई (Legal Action) की जा सकती है।
लाखों की चोरी, करोड़ों का नुकसान! यात्रियों की छोटी आदत का रेलवे पर बड़ा बोझ
आपके मन में शायद यह सवाल आ रहा हो कि एक अकेली चादर (Single Bedsheet) या कंबल (Blanket) ले जाने से रेलवे को क्या फर्क पड़ता है? लेकिन सोचिए, जब हजारों यात्री (Thousands of Passengers) ऐसा करने लगें, तो इसका सीधा असर (Direct Effect) रेलवे के वित्तीय स्थिति (Railways' Finances) पर पड़ता है। उदाहरण के लिए, अकेले पश्चिम रेलवे जोन (Western Railway Zone) में 2017-18 के दौरान लाखों लिनेन आइटम्स (Lakhs of Linen Items) की चोरी (Stolen) हुई थी, जिससे रेलवे को करोड़ों रुपये (Crores of Rupees) का राजस्व नुकसान (Revenue Loss) हुआ।
सफर के अंत में करें ये काम, बचें परेशानी से!
अपनी यात्रा (Journey) के अंत में, हमेशा सभी सामान (All Items) ट्रेन अटेंडेंट (Train Attendant) को वापस (Return) कर दें। यदि गलती से कोई सामान (Item) आपके साथ चला भी जाता है, तो उसे तुरंत लौटाने (Return Immediately) का प्रयास करें। ऐसा करने से न केवल आप एक जिम्मेदार नागरिक (Responsible Citizen) कहलाएंगे, बल्कि कानूनी पचड़ों (Legal Troubles) और जुर्माने (Fines) से भी बचेंगे।
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