Naxalism in Bastar : छत्तीसगढ़ में फिर नक्सली कोहराम, 3 दिन में दूसरी हत्या, अब शिक्षा दूत को अगवा कर उतारा मौत के घाट
News India Live, Digital Desk: Naxalism in Bastar : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शांति और विकास की कोशिशों को एक बार फिर नक्सलियों ने खून से लाल कर दिया है। पिछले तीन दिनों में दूसरी बड़ी वारदात को अंजाम देते हुए, माओवादियों ने एक शिक्षा दूत (सहायक शिक्षक) को पहले उसके घर से अगवा किया और फिर जंगल में ले जाकर बेरहमी से उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में खौफ और मातम पसरा हुआ है।
क्या है पूरा मामला?
मृतक शिक्षा दूत की पहचान मासाराम पवार के रूप में हुई है, जो नैमेड़ थाना क्षेत्र के तुमला गांव के रहने वाले थे। जानकारी के मुताबिक, बीती रात हथियारबंद नक्सलियों का एक दस्ता अचानक मासाराम के घर आ धमका। वे उसे जबरन अपने साथ उठाकर जंगल की ओर ले गए।
परिवार वालों ने सोचा कि शायद नक्सली पूछताछ करके उसे छोड़ देंगे, इसलिए उन्होंने रात में पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी। लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह मासाराम की आखिरी रात साबित होगी।
सुबह जंगल में मिली लाश
आज सुबह जब गांव के लोग जंगल की ओर गए, तो उन्होंने वहां मासाराम का खून से लथपथ शव पड़ा देखा। नक्सलियों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह खबर गांव में आग की तरह फैल गई और मृतक के घर में कोहराम मच गया।
ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना नैमेड़ थाना पुलिस को दी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इलाके में सर्च ऑपरेशन भी तेज कर दिया गया है।
क्यों कर रहे हैं नक्सली ये हत्याएं?
पुलिस को शक है कि नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में ही इस हत्या को अंजाम दिया है। हालांकि, अभी तक किसी भी नक्सली संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है और न ही कोई पर्चा आदि मौके से मिला है।
आपको बता दें कि अभी तीन दिन पहले ही नक्सलियों ने बीजापुर के तर्रेम इलाके में एक पूर्व सरपंच की भी इसी तरह हत्या कर दी थी। एक के बाद एक हो रही इन लक्षित हत्याओं (Target Killings) ने यह साफ कर दिया है कि नक्सली अपनी मौजूदगी दर्ज कराने और लोगों में दहशत फैलाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इन घटनाओं ने बस्तर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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