Navapur Railway Station : भारत में एक स्टेशन ऐसा भी जहाँ प्लेटफार्म पर बनी एक लाइन आपको दो राज्यों में बांट देती है
News India Live, Digital Desk: भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है और इसकी कई कहानियां हमें हैरान कर देती हैं। लेकिन क्या आपने कभी ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में सुना है, जहाँ आप खड़े तो एक जगह होते हैं, लेकिन तकनीकी रूप से आपके दोनों पैर अलग-अलग राज्यों में हो सकते हैं?
जी हाँ, यह कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। आज हम आपको ले चलते हैं 'नवापुर' (Navapur) रेलवे स्टेशन, जो अपनी भौगोलिक स्थिति (Geography) के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।
कहाँ है यह जादुई स्टेशन?
नवापुर रेलवे स्टेशन सूरत-भुसावल लाइन पर पड़ता है। इस स्टेशन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आधा गुजरात में आता है और आधा महाराष्ट्र में।
बंटवारे की कहानी (The Partition Story)
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा हुआ कैसे? दरअसल, यह स्टेशन तब बना था जब गुजरात और महाराष्ट्र अलग-अलग राज्य नहीं थे, बल्कि एक ही 'बंबई प्रांत' हुआ करते थे। लेकिन 1 मई 1960 को जब भाषा के आधार पर दोनों राज्यों का बंटवारा हुआ, तो सरहद की लकीर ठीक इस स्टेशन के बीच से होकर गुजरी। नतीजा यह हुआ कि स्टेशन का एक हिस्सा तापी जिले (गुजरात) में चला गया और दूसरा हिस्सा नंदुरबार जिले (महाराष्ट्र) में।
वह मशहूर 'बेंच' और सेल्फी पॉइंट
इस स्टेशन की सबसे वायरल चीज यहाँ की एक लकड़ी की बेंच है। इस बेंच के ठीक बीच में एक लाइन खींची गई है।
- एक तरफ लिखा है "महाराष्ट्र"
- दूसरी तरफ लिखा है "गुजरात"
लोग अक्सर यहाँ आते हैं और एक ऐसी फोटो खिंचवाते हैं जिसमें वो एक ही समय पर दो राज्यों में बैठे होते हैं। यह वाकई एक मजेदार अहसास है।
अनाउंसमेंट सुनकर कंफ्यूज न हों
यहाँ भाषा का संगम देखने लायक है। ट्रेन आने की अनाउंसमेंट 4 भाषाओं में होती है हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और मराठी। यानी चाहे आप किसी भी राज्य के हों, यह स्टेशन आपको अपना ही लगेगा।
सबसे मजेदार फैक्ट: टिकट और कानून का झोल
यह बात जानकर आपको हंसी भी आएगी और हैरानी भी:
- पुलिस: चूँकि सीमा बीच से गुजरती है, इसलिए स्टेशन के एक हिस्से की जिम्मेदारी गुजरात पुलिस की है और दूसरे की महाराष्ट्र पुलिस की। अगर कोई झगड़ा बॉर्डर लाइन पर हो जाए, तो शायद पुलिस भी सोच में पड़ जाए कि FIR कौन लिखेगा!
- कानून: जैसा कि हम जानते हैं, गुजरात में शराब बंदी (Dry State) है, लेकिन महाराष्ट्र में नहीं। तो तकनीकी रूप से, स्टेशन के गुजरात वाले हिस्से में शराब रखना गैरकानूनी है, जबकि महाराष्ट्र वाले हिस्से में नियम अलग हो सकते हैं।
- टिकट: ऐसा कहा जाता है कि स्टेशन का टिकट काउंटर और स्टेशन मास्टर का ऑफिस महाराष्ट्र की सीमा में है, जबकि वेटिंग रूम और टॉयलेट गुजरात में हैं।
तो अगली बार जब आप ट्रेन से इस रास्ते से गुजरें, तो 'नवापुर' पर उतरकर इस अनोखे बॉर्डर को देखना मत भूलिएगा। आखिर भारत की विविधता ही तो इसकी खूबसूरती है!
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