Nano Banana Pro : वो टेक्नोलॉजी जो 2 मिनट में बना रही है हू-ब-हू असली पैन कार्ड, फ्रॉड से बचना है तो पढ़ें

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News India Live, Digital Desk : हम अक्सर कहते हैं कि टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी आसान बना रही है। Google हमारे हर सवाल का जवाब देता है और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) हमारे घंटों का काम मिनटों में कर देता है। लेकिन, क्या हो जब यही दोस्त हमारा दुश्मन बन जाए?

आजकल टेक की दुनिया में एक नई और डरावनी चर्चा चल रही है। नाम है— 'Nano Banana Pro' और Google का नया हाई-टेक AI। सुनने में यह किसी बच्चों के गैजेट जैसा लग सकता है, लेकिन इसका काम आपको डरा सकता है। ख़बरें आ रही हैं कि इस नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके साइबर अपराधी अब नकली (Fake) आधार कार्ड और पैन कार्ड बना रहे हैं, जो दिखने में इतने असली लगते हैं कि पकड़ना नामुमकिन सा है।

आइए, बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं कि यह मामला क्या है और यह आपकी जेब और पहचान के लिए कितना खतरनाक है।

आखिर ये 'Nano Banana Pro' और AI कर क्या रहे हैं?

आमतौर पर, जब हम AI से कोई तस्वीर बनाने को कहते हैं (जैसे— "एक बिल्ली जो साइकिल चला रही हो"), तो वो बना देता है। Google और दूसरी बड़ी कंपनियां अपने AI में 'सेफ्टी लॉक' लगाती हैं ताकि कोई इसका गलत इस्तेमाल करके किसी इंसान का चेहरा या सरकारी डाक्यूमेंट्स न बना सके।

लेकिन, रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'Nano Banana Pro' (जो एक एडवांस हार्डवेयर या टूल हो सकता है) ने इन सुरक्षा दीवारों में सेंध लगा दी है। इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके जालसाज ऐसे आईडी कार्ड जनरेट कर रहे हैं, जिनमें होलोग्राम, फोंट और सरकारी मुहरें बिल्कुल असली जैसी दिखती हैं।
शॉकिंग बात: यह सब कुछ सेकेंडों में हो रहा है। न कोई फोटोशॉप की मेहनत, न कोई कटिंग-पेस्टिंग। बस कमांड दिया और नकली कार्ड तैयार!

आपके लिए खतरा क्यों है? (The Big Risk)

आप सोच रहे होंगे, "बनाने दो उन्हें, मेरा क्या जा रहा है?"
दोस्तों, खतरा यहीं है। अगर कोई आपके नाम, फोटो और एड्रेस का इस्तेमाल करके हू-ब-हू असली दिखने वाला आधार या पैन कार्ड बना ले, तो सोचिए वो क्या कर सकता है:

  1. फेक सिम कार्ड: आपके नाम पर सिम खरीदकर गैर-कानूनी काम किए जा सकते हैं।
  2. फर्जी लोन: आपकी पहचान पर बैंक से लोन लिया जा सकता है, और रिकवरी एजेंट आपके दरवाजे पर खड़े होंगे।
  3. बैंक फ्रॉड: आजकल केवाईसी (KYC) के लिए डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है, वहां ये नकली कार्ड आसानी से पास हो सकते हैं।

असली और नकली में फर्क करना हुआ मुश्किल

पहले फेक आईडी को छूकर या ध्यान से देखकर पहचाना जा सकता था। लेकिन यह नया AI टूल बारीकियों पर भी काम करता है। यह डाक्यूमेंट्स में वही "रफनेस" और "लाइटिंग" डाल देता है जो मोबाइल से खींची गई असली फोटो में होती है। इसीलिए इसे 'शॉकिंग ट्रुथ' कहा जा रहा है।

तो क्या हम डर जाएं? नहीं, सतर्क बनें!

Google और सरकारें निश्चित रूप से इस छेद को बंद करने के लिए काम कर रही हैं, लेकिन एक आम नागरिक के तौर पर आपको अब ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।

खुद को बचाने के लिए आज ही करें ये काम:

  • Biometric Lock: सबसे पहले UIDAI की वेबसाइट पर जाकर अपना आधार बायोमेट्रिक लॉक कर दें। ताकि कोई आपके फिंगरप्रिंट का गलत इस्तेमाल न कर सके।
  • डाक्यूमेंट्स शेयर न करें: सोशल मीडिया या अनजान लिंक पर कभी भी अपनी आईडी प्रूफ की फोटो अपलोड न करें।
  • क्रेडिट स्कोर चेक करें: समय-समय पर अपना CIBIL स्कोर चेक करते रहें। अगर कोई अनजान लोन दिखे, तो तुरंत रिपोर्ट करें।

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