Mokshada Ekadashi 2025 : थाली में गलती से भी न रखें सफेद चीज, वरना पूरा व्रत हो जाएगा खंडित
News India Live, Digital Desk: हिंदू धर्म में साल भर में 24 एकादशियां आती हैं, लेकिन इन सबमें 'मोक्षदा एकादशी' (Mokshada Ekadashi) का अपना अलग ही रुतबा है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है—'मोक्ष देने वाली'। कहते हैं कि अगर जाने-अनजाने में हमारे पूर्वजों (Ancestors) से कोई गलती हो गई हो और उनकी आत्मा भटक रही हो, तो इस एक व्रत को करने से उन्हें बैकुंठ की प्राप्ति हो जाती है। यह वही दिन है जब कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, इसलिए इसे गीता जयंती (Gita Jayanti) भी कहते हैं।
लेकिन, अक्सर हम भक्ति में इतना खो जाते हैं कि कुछ बुनियादी नियमों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। बड़े-बुज़ुर्ग कहते हैं कि एकादशी का व्रत 'तलवार की धार' पर चलने जैसा है, जरा सी चूक और व्रत खंडित!
आइए, बिल्कुल आसान भाषा में समझते हैं कि इस दिन अपनी किचन और लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करने चाहिए।
1. चावल तो बिलकुल 'बैन' है (The No-Rice Rule)
यह बात तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि एकादशी पर चावल नहीं खाना चाहिए। लेकिन क्यों? धर्मशास्त्रों में एक बड़ी डरावनी पर दिलचस्प मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल "रेंगने वाले जीव" के समान अशुद्ध हो जाता है। वैज्ञानिक रूप से भी देखें तो चावल खाने से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ती है और मन चंचल होता है, जबकि व्रत में मन का शांत रहना ज़रूरी है। इसलिए, चाहे आप व्रत रखें या न रखें, इस दिन घर में चावल बनाने से बचें।
2. तो फिर खाएं क्या? (What to Eat)
अगर आप निर्जला (बिना पानी के) व्रत नहीं रख सकते, तो परेशान न हों। भगवान विष्णु भाव के भूखे हैं, खुद को तड़पाने के नहीं। आप 'फलाहार' (Falahar) ले सकते हैं।
- फलों का राजा: केले, आम, संतरा, सेब—ये सब खाए जा सकते हैं।
- सब्जियां: आलू, शकरकंद (Sweet Potato) और कद्दू की सब्जी सेंधा नमक (Rock Salt) में बनाकर खाएं।
- डेयरी: दूध, दही और लस्सी से शरीर में ताकत बनी रहेगी।
- कुट्टू या सिंघाड़े के आटे का इस्तेमाल करें, गेंहू का नहीं।
3. किन चीजों से दूर रहें? (Foods to Avoid)
सिर्फ चावल ही नहीं, एकादशी के दिन इन चीजों को भी अपनी थाली से दूर रखें:
- तामसिक भोजन: प्याज, लहसुन, मांस, और मदिरा (Alcohol) तो सोचना भी पाप है।
- दालें और बीन्स: मसूर की दाल, राजमा, छोले जैसी चीज़ें इस दिन भारी मानी जाती हैं, इन्हें न बनाएं।
- बैंगन और फूलगोभी का सेवन भी कई विद्वान वर्जित मानते हैं।
4. व्यवहार भी हो सात्विक
यह व्रत सिर्फ़ खाने-पीने का परहेज़ नहीं है, यह मन का डिटॉक्स (Mind Detox) भी है।
- गुस्सा थूक दें: आज के दिन किसी पर चिल्लाना, बुरा भला कहना या झूठ बोलना, आपके व्रत की शक्ति को खत्म कर देता है।
- ब्रह्मचर्य: शरीर और मन से शुद्धता बनाए रखें।
- तुलसी की पत्ती: याद रहे, एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़े जाते। पूजा के लिए पत्ते एक दिन पहले (दशमी को) ही तोड़कर रख लें।
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