Mohan Bhagwat : पैसे और ताकत से खुशी नहीं मिलती ,जानिए RSS प्रमुख ने क्यों कहा कि दुनिया को भारत से सीखना होगा
News India Live, Digital Desk: आज जब दुनिया के ताकतवर देश भी कई तरह की मुश्किलों से जूझ रहे हैं, तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बड़ी बात कही है। उनका कहना है कि भले ही अमेरिका और चीन जैसे देशों के पास दौलत और ताकत की कोई कमी नहीं है, लेकिन वे भी आंतरिक समस्याओं और तनाव से गुजर रहे हैं। ऐसे में, पूरी दुनिया उम्मीद भरी नजरों से भारत की ओर देख रही है क्योंकि दुनिया की इन समस्याओं का समाधान भारत की जड़ों में छिपा है।
क्यों परेशान हैं शक्तिशाली देश?
मोहन भागवत ने समझाया कि पश्चिमी देशों ने बहुत तरक्की की है, लेकिन उनकी तरक्की का आधार सिर्फ materialistic चीजों का उपभोग और एक-दूसरे से मुकाबला करना रहा है। इसी सोच के कारण आज दुनिया में पर्यावरण संकट, आपसी तनाव और मानसिक परेशानियां जैसे डिप्रेशन बढ़ रहे हैं। उनके पास सब कुछ होते हुए भी सच्ची खुशी और शांति नहीं है।
भारत कैसे दिखाएगा दुनिया को रास्ता?
भागवत के अनुसार, भारत की ताकत उसकी आध्यात्मिकता पर आधारित "धर्म" की सोच है। यहां धर्म का मतलब सिर्फ पूजा-पाठ नहीं, बल्कि जीवन जीने का वह तरीका है जो हमें संतुलन सिखाता है। यह हमें सिखाता है कि सिर्फ अपने बारे में नहीं, बल्कि समाज, प्रकृति और पूरे संसार के हित के बारे में भी सोचें। भारत की संस्कृति 'सबका साथ' वाली है, न कि 'सबसे आगे निकलने' की होड़ वाली।
उन्होंने कहा कि जब रूस-यूक्रेन युद्ध हुआ या जब पर्यावरण को बचाने की बात आई, तो दुनिया ने भारत की तरफ देखा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की पुरानी परंपराएं और जीवन मूल्य ही इन आधुनिक समस्याओं का स्थायी समाधान दे सकते हैं।
उनका मानना है कि दुनिया को रास्ता दिखाने से पहले, हम भारतीयों को खुद अपने इन महान जीवन मूल्यों को अपने जीवन में उतारना होगा। जब हम खुद एक मजबूत और आदर्श देश बनेंगे, तभी पूरी दुनिया हमारा अनुसरण करेगी।
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