Miraculous Ayurvedic remedy: शतावरी से बढ़ाएं शिशु के लिए माँ का दूध और अपनी सेहत

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News India Live, Digital Desk: Miraculous Ayurvedic remedy:  शतावरी, जिसे वैज्ञानिक रूप से एस्पैरेगस रेसमोसस (Asparagus racemosus) के नाम से जाना जाता है, आयुर्वेद में एक अत्यंत महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी मानी गई है, खासकर महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए। नई माताओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए शतावरी के कई स्वास्थ्य लाभ बताए गए हैं, जो इन्हें शारीरिक कमजोरी से लड़ने और स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।

स्तनपान कराने वाली माँओं के लिए शतावरी के फायदे

दुग्धवर्धक (Galactagogue) गुण: शतावरी का सबसे प्रमुख लाभ यह है कि यह एक उत्कृष्ट दुग्धवर्धक जड़ी-बूटी है। यह माँ के शरीर में दूध के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे शिशु को पर्याप्त पोषण मिल सके। यह प्रोलैक्टिन (Prolactin) नामक हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में सहायक मानी जाती है, जो दूध उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।


शारीरिक कमजोरी दूर करे: बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं को अक्सर शारीरिक कमजोरी और थकावट का अनुभव होता है। शतावरी में मौजूद पोषक तत्व, जैसे विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट, शरीर को ताकत प्रदान करते हैं और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाते हैं। यह प्रसव के बाद रिकवरी में भी मदद करती है।


हार्मोनल संतुलन: यह जड़ी-बूटी महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक मानी जाती है। यह मासिक धर्म चक्र को नियमित करने और मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में भी प्रभावी है, लेकिन विशेष रूप से स्तनपान कराने वाली माँओं के लिए यह हार्मोनल उतार-चढ़ाव को स्थिर करने में भूमिका निभाती है।

पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाए: शतावरी पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है। यह पेट की जलन को कम करने, एसिडिटी से राहत दिलाने और आंतों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती है। एक स्वस्थ पाचन तंत्र माँ के समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

तनाव और चिंता कम करे: शतावरी को एक एडाप्टोजेनिक (adaptogenic) जड़ी-बूटी माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर को तनाव के प्रति अनुकूलित करने में मदद करती है। नई माताओं में अक्सर चिंता और तनाव का अनुभव होता है, और शतावरी इसे कम करने में सहायक हो सकती है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।


प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करे: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, जिससे माँ और शिशु दोनों को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।

सेवन का तरीका
शतावरी का सेवन पाउडर, कैप्सूल या काढ़े के रूप में किया जा सकता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन शुरू करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए, ताकि वे सही मात्रा और विधि का ज्ञान प्राप्त कर सकें।

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