Memorable Indian Movies : 7 साल की रिसर्च, ऑस्कर के लिए ऑफिशियल एंट्री जानें किस शानदार फिल्म ने रचा था इतिहास
News India Live, Digital Desk: बॉलीवुड में ऐसी कई फिल्में हैं जिन्होंने न केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की, बल्कि अपनी कहानी, निर्देशन और अभिनय से दर्शकों के दिलों में भी खास जगह बनाई। ऐसी ही एक फिल्म थी 2006 में आई 'रंग दे बसंती' (Rang De Basanti)। यह फिल्म सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि यह एक 'शानदार' प्रयास थी जिसने 7 साल की कड़ी रिसर्च के बाद ऑस्कर (Oscar) के लिए भारत की 'ऑफिशियल एंट्री' के तौर पर अपनी जगह बनाई।
7 साल की रिसर्च का 'जादू':
'रंग दे बसंती' के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा (Rakeysh Omprakash Mehra) ने इस फिल्म को बनाने के लिए 7 साल तक गहन रिसर्च और विचार-विमर्श किया। उन्होंने आज के युवाओं के साथ ऐतिहासिक घटनाओं को जोड़ने का एक अनूठा तरीका अपनाया। फिल्म की कहानी भगत सिंह और उनके साथियों के संघर्ष को आज के युवा भारत से जोड़ती है, जो उस समय के युवा दर्शकों के लिए काफी प्रासंगिक थी।
ऑस्कर के लिए 'ऑफिशियल एंट्री':
फिल्म की उत्कृष्टता को देखते हुए, 'रंग दे बसंती' को 2007 में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म (Best Foreign Language Film) श्रेणी में ऑस्कर के लिए भारत की 'ऑफिशियल एंट्री' के रूप में चुना गया था। हालांकि, फिल्म ऑस्कर नहीं जीत पाई, लेकिन इसने भारतीय सिनेमा के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया।
क्यों थी यह फिल्म 'खास'?
- आधुनिक युवाओं से जुड़ाव: फिल्म ने आज के युवाओं को भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों से जोड़ा, जिससे वे देशभक्ति और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हुए।
- अनोखी कहानी: फिल्म की कहानी का स्ट्रक्चर, जिसमें अतीत और वर्तमान को एक साथ दिखाया गया था, काफी अनोखा था।
- शानदार अभिनय: Aamir Khan, Siddharth, Soha Ali Khan, Kunal Kapoor, Sharman Joshi, Atul Kulkarni और R. Madhavan जैसे कलाकारों के दमदार अभिनय ने फिल्म को और भी खास बना दिया।
- संगीत: A.R. Rahman का संगीत भी फिल्म की जान था, जिसने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी।
'रंग दे बसंती' सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि यह एक 'मूवमेंट' थी जिसने युवाओं को प्रेरित किया और भारतीय सिनेमा में एक नया अध्याय जोड़ा। 7 साल की रिसर्च और एक 'शानदार' विजन का नतीजा, जिसने हमें एक 'यादगार' फिल्म दी।
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