Medico City Jharkhand : बनेगा 2100 बेड का विशाल किडनी अस्पताल, खुलेंगे 6 नए मेडिकल कॉलेज
News India Live, Digital Desk: Medico City Jharkhand : झारखंड के लोगों के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र से एक बहुत बड़ी और राहत देने वाली खबर सामने आई है। अब राज्य के लोगों को किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों और ट्रांसप्लांट जैसे बड़े इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई या दूसरे बड़े शहरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने घोषणा की है कि झारखंड में जल्द ही 2100 बेड का एक सुपर स्पेशियलिटी किडनी अस्पताल बनाया जाएगा। इसके साथ ही, राज्य में 6 नए मेडिकल कॉलेज और एक मेडिको सिटी बनाने का काम भी तेजी से पूरा किया जाएगा।
क्यों है यह घोषणा इतनी बड़ी?
सोचिए, जब हमारे घर में कोई बीमार पड़ता है, तो सबसे बड़ी चिंता अच्छे इलाज और अस्पताल की होती है। खासकर किडनी जैसी गंभीर बीमारी में तो मरीज और उसके परिवार वाले दोनों ही टूट जाते हैं। ऐसे में यह घोषणा एक नई उम्मीद लेकर आई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के बनने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट जैसी बड़ी सुविधा भी झारखंड में ही मिल सकेगी, जिससे लोगों का पैसा और समय दोनों बचेगा। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि अगले एक से दो साल में ये सारे वादे जमीन पर दिखने लगेंगे।
अब हर जिले में होगी MRI और CT स्कैन की सुविधा
स्वास्थ्य मंत्री ने अपने बोकारो दौरे का एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां लोगों ने उन्हें बताया कि अस्पतालों में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन न होने से उन्हें कितनी परेशानी और आर्थिक मार झेलनी पड़ती है।उन्होंने कहा, "यह बात मेरे दिल को छू गई और मैंने फैसला किया कि अब राज्य के सभी जिला अस्पतालों में एमआरआई और सीटी स्कैन की मशीनें अनिवार्य रूप से लगाई जाएंगी। यह एक ऐसा फैसला है जिसका सीधा फायदा छोटे शहरों और गांवों में रहने वाले लोगों को मिलेगा, जिन्हें एक छोटी सी जांच के लिए बड़े शहरों की ओर भागना पड़ता था।
यह सारी घोषणाएं स्वास्थ्य मंत्री ने 91 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम के दौरान कीं। उन्होंने नए स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा कि यह सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि सेवा करने का एक मौका है।
कुल मिलाकर, सरकार के इन ऐलानों से ऐसा लग रहा है कि आने वाले समय में झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बदलने वाली है। अगर ये सभी योजनाएं समय पर पूरी हो जाती हैं, तो राज्य की जनता को इलाज के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा।
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