मैनपुरी को मिलेगी जाम से मुक्ति, नए बाइपास के लिए किसानों से पहले ली जाएगी सहमति, दिसंबर में शुरू हो सकती है रजिस्ट्री

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मैनपुरी शहर को भोगांव-शिकोहाबाद हाईवे पर लगने वाले भयंकर जाम से जल्द ही राहत मिलने वाली है। प्रशासन ने एक नए बाइपास के निर्माण की योजना पर काम तेज कर दिया है, और इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि बाइपास बनाने के लिए किसी भी किसान की जमीन बिना उसकी सहमति के नहीं ली जाएगी।

लोक निर्माण विभाग (PWD) और तहसील की टीमें जल्द ही गांव-गांव जाकर किसानों से मिलेंगी और उनसे 'सहमति पत्र' भरवाएंगी। जब किसान राजी हो जाएंगे, उसके बाद ही जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

कहां से कहां तक बनेगा यह बाइपास?

यह बाइपास दो चरणों में बनाया जाएगा:

  • पहला चरण: यह भोगांव के पास मेरापुर सूजापुर गांव से शुरू होकर इटावा जाने वाले फोरलेन हाईवे तक जाएगा। इसकी लंबाई 15.150 किलोमीटर होगी। जमीन खरीदने के लिए प्रशासन पहले चरण में लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
  • दूसरा चरण: बाद में, इसे आगरा रोड पर जरामई गांव तक बढ़ाया जाएगा।

लोक निर्माण विभाग ने जमीन के सर्वे और सत्यापन का काम पूरा कर लिया है, जिससे यह साफ हो गया है कि बाइपास के लिए जमीन कहां से ली जाएगी।

दिसंबर में शुरू हो सकती है जमीन की रजिस्ट्री

उम्मीद है कि किसानों से सहमति लेने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिसंबर महीने से जमीन की रजिस्ट्री का काम शुरू कर दिया जाएगा। एक बार रजिस्ट्री हो जाने के बाद, सड़क बनाने का काम तेजी से आगे बढ़ेगा।

इन 10 गांवों की जमीन पर बनेगा बाइपास

पहले चरण के लिए इन दस गांवों के किसानों की जमीन को चिन्हित किया गया है:

  1. मेरापुर सूजापुर
  2. सिबाई भदौरा
  3. टिकसुरी
  4. ब्योंती खुर्द
  5. मंछना
  6. दिवन्नपुर चौधरी
  7. कछपुरा
  8. राजलपुर
  9. अजीतगंज
  10. लहरा

इन गांवों के किसानों से जल्द ही सरकारी टीम संपर्क करेगी। यह बाइपास बन जाने से न सिर्फ मैनपुरी शहर में ट्रैफिक की समस्या खत्म होगी, बल्कि इलाके के विकास को भी नई रफ्तार मिलेगी।

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