Maharashtra Schools Closed Today : आखिर शिक्षकों को सड़क पर क्यों आना पड़ा? जानिए क्या है वो 'TET' का नियम जिससे मचा बवाल

Post

News India Live, Digital Desk: अगर आप महाराष्ट्र में रहते हैं और आज सुबह-सुबह अपने बच्चे को स्कूल भेजने की तैयारी कर रहे थे, या भेज चुके हैं, तो हो सकता है आपको गेट से वापस आना पड़ा हो। जी हां, आज यानी 5 दिसंबर को राज्य के कई इलाकों में स्कूलों के शटर डाउन हैं।

अक्सर स्कूल बारिश या त्योहारों की वजह से बंद होते हैं, लेकिन आज की छुट्टी की वजह थोड़ी गंभीर है। आज राज्य भर के हजारों शिक्षक (Teachers) अपनी क्लासरूम छोड़कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि भाई, माज़रा क्या है? हमारे 'गुरुजी' नाराज क्यों हैं?

विवाद की जड़: 'TET' यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा
पूरा मामला एक सरकारी नियम को लेकर फंसा है। आसान भाषा में समझें तो, सरकार ने एक शर्त रख दी है कि अगर स्कूलों (खासकर अनुदानित या एडेड स्कूलों) को सरकारी ग्रांट चाहिए, तो वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों का TET (Teacher Eligibility Test) पास होना अनिवार्य है।

शिक्षकों का कहना है, "हम सालों से पढ़ा रहे हैं, अब अचानक आप कह रहे हैं कि टेस्ट पास करो तभी ग्रांट मिलेगी, यह तो नाइंसाफी है!"
उनका तर्क है कि जो शिक्षक 2013 से पहले नियुक्त हुए थे या जिन्हें सालों का अनुभव है, उन पर अब यह नया नियम क्यों थोपा जा रहा है?

क्या मांग रहे हैं शिक्षक?
महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति और अन्य संगठनों ने मिलकर यह आंदोलन छेड़ा है। उनकी साफ मांग है:

  1. TET की शर्त हटाएं: अनुदान (Grant) के लिए TET पास करने की अनिवार्यता खत्म की जाए।
  2. पुरानी पेंशन: पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग तो पहले से चल ही रही है।

शिक्षकों का कहना है कि जब तक सरकार यह 'तुगलकी फरमान' वापस नहीं लेती, वे पीछे नहीं हटने वाले। इसी के चलते आज कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं और स्कूलों में काम काज ठप है।

पेरेंट्स और बच्चों का क्या हाल है?
जाहिर सी बात है, जब हाथी लड़ते हैं तो घास ही कुचली जाती है। इस हड़ताल का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। कई पेरेंट्स सुबह कन्फ्यूजन में रहे कि स्कूल खुला है या बंद। जो बच्चे स्कूल पहुँच गए, उन्हें वापस आना पड़ा।

फिलहाल, सरकार और शिक्षक संघ के बीच खींचतान जारी है। हम बस यही उम्मीद कर सकते हैं कि कोई बीच का रास्ता जल्दी निकल आए ताकि बच्चों का नुकसान न हो।

अगर आपके पास स्कूल से कोई आधिकारिक मैसेज नहीं आया है, तो एक बार स्कूल प्रशासन को फोन करके कन्फर्म जरूर कर लें।

--Advertisement--