प्रयागराज की मधुलिका यादव: जो पहले प्रयास में प्रीलिम्स भी पास न कर सकीं, दूसरे में कैसे बन गईं RJS टॉपर?

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किसी ने सच ही कहा है, हिम्मत और लगन हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं. इस बात को सच साबित कर दिखाया है प्रयागराज की बेटी मधुलिका यादव ने. मधुलिका ने राजस्थान न्यायिक सेवा (RJS) 2025 की परीक्षा में पहला स्थान हासिल करके न सिर्फ अपने परिवार का, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है.

यह कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि सफलता का यह स्वाद मधुलिका को पहली बार में नहीं मिला.

कौन हैं मधुलिका यादव?

मधुलिका यादव प्रयागराज के पास प्रतापपुर के एक छोटे से गांव पूरेरेघई की रहने वाली हैं. उनके पिता, चंद्रशेखर यादव, खुद भी उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में जज रह चुके हैं, इसलिए कानून और न्याय का माहौल उन्हें घर में ही मिला.

मधुलिका ने अपनी पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पूरी की. पहले उन्होंने 5 साल का लॉ कोर्स किया और फिर वहीं के सीएमपी डिग्री कॉलेज से मास्टर्स (एलएलएम) की डिग्री ली. इसी दौरान वह जज बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए RJS परीक्षा की तैयारी में जुटी रहीं.

जब पहले प्रयास में हाथ लगी निराशा

आज मधुलिका भले ही टॉपर बन गई हैं, लेकिन उनका सफर आसान नहीं था. अपने पहले प्रयास में वह परीक्षा का पहला चरण, यानी प्रीलिम्स भी पास नहीं कर पाई थीं. अक्सर ऐसी असफलता इंसान को तोड़ देती है, लेकिन मधुलिका ने हार नहीं मानी.

उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और खुद से वादा किया कि अगली बार और बेहतर तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगी.

असफलता से सफलता तक का सफर

मधुलिका ने बताया कि जब वह दूसरी बार परीक्षा दे रही थीं, तो उन्होंने यह बिल्कुल नहीं सोचा था कि वह टॉप करेंगी. उनका पूरा ध्यान सिर्फ अपनी पुरानी गलतियों को सुधारने और इस बार कोई कमी न छोड़ने पर था. उनकी इसी मेहनत का नतीजा है कि उन्होंने 205.5 अंक हासिल कर पूरे राजस्थान में पहला स्थान प्राप्त किया.

मधुलिका आज उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल बन गई हैं जो सरकारी नौकरी या किसी बड़ी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. उनकी कहानी सिखाती है कि फेल होने का मतलब अंत नहीं, बल्कि एक नई और मजबूत शुरुआत है.

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