Lucknow JPNIC Sealed : अखिलेश यादव के आगमन से पहले JPNIC सील, चारों तरफ बैरिकेड्स और पुलिस का सख्त पहरा
News India Live, Digital Desk: Lucknow JPNIC Sealed : उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा गर्मागर्म बनी रहती है, और इसमें समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भूमिका बेहद अहम है. हाल ही में जब अखिलेश यादव के लखनऊ आगमन की खबर फैली, तो राजधानी में सियासी पारा अचानक चढ़ गया. खासकर, उनकी संभावित यात्रा को लेकर जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) को पूरी तरह से बंद कर दिया गया, जिसके चारों ओर लोहे की चादरें और बैरिकेड्स लगाकर सुरक्षा कड़ी कर दी गई. इस कदम ने कई अटकलों को जन्म दे दिया है.
क्यों सील किया गया JPNIC?
लखनऊ में JPNIC को इस तरह बंद करने और सुरक्षा बढ़ाने के कई संभावित कारण हो सकते हैं:
- विरोध प्रदर्शन की आशंका: राजनीति में अक्सर नेताओं के दौरे के दौरान विरोधी दल या अन्य संगठन विरोध प्रदर्शन करते हैं. सरकार और पुलिस को ऐसी किसी भी स्थिति की आशंका हो सकती है, जिससे अखिलेश यादव की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
- कानून व्यवस्था बनाए रखना: किसी भी बड़े राजनीतिक कार्यक्रम या नेता के दौरे पर कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है. संभावित भीड़भाड़ या किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए एहतियात के तौर पर JPNIC को घेरा गया होगा.
- राजनीतिक रणनीति: कुछ राजनीतिक जानकार इसे एक 'राजनीतिक कदम' भी मान रहे हैं. सत्ताधारी दल अक्सर विपक्षी नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखते हैं और उनकी पहुँच को सीमित करने का प्रयास करते हैं. हो सकता है यह अखिलेश यादव के किसी बड़े कार्यक्रम को रोकने की रणनीति हो.
- नियमित सुरक्षा प्रोटोकॉल: हालांकि, यह भी हो सकता है कि किसी पूर्व मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान यह एक सामान्य सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा हो, खासकर अगर किसी बड़े जन समारोह की उम्मीद हो.
क्या अखिलेश यादव का JPNIC से है खास नाता?
जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री कार्यकाल की एक महत्वाकांक्षी परियोजना रही है. यह समाजवादी सरकार की कई परियोजनाओं में से एक थी, जिसका उद्देश्य लखनऊ में एक आधुनिक और बहुपयोगी केंद्र बनाना था. ऐसे में, उनके इस स्थल पर जाने की संभावना पर अतिरिक्त सुरक्षा का ध्यान रखना लाजमी है.
फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी इस कदम को बीजेपी सरकार द्वारा विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास बता रही है, जबकि प्रशासन इसे सिर्फ 'कानून व्यवस्था' का मामला बता रहा है. जो भी हो, अखिलेश यादव के लखनऊ आगमन से पहले JPNIC के इर्द-गिर्द बिछाई गई इस सुरक्षा ने पूरे प्रदेश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है.
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