Lactose Intolerance : क्या डेयरी उत्पाद सूजन और मुँहासों का कारण हैं

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News India Live, Digital Desk:  Lactose Intolerance : आधुनिक जीवनशैली में भोजन हमारे स्वास्थ्य का एक अभिन्न अंग है और अक्सर हम कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं जिनके दुष्प्रभाव हमें महसूस नहीं होते, खासकर जब बात दूध और डेयरी उत्पादों की आती है. "डेयरी दुविधा" एक आम बहस बन गई है कि क्या दूध पीना हमारे लिए वास्तव में अच्छा है या यह सूजन, पेट की समस्याओं या त्वचा के मुँहासे जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है.

एक प्रमुख कारण लैक्टोज असहिष्णुता है. यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ शरीर में लैक्टेज नामक एंजाइम की कमी होती है, जो दूध में पाई जाने वाली लैक्टोज नामक शर्करा को तोड़ने के लिए आवश्यक होता है. जब लैक्टेज पर्याप्त मात्रा में नहीं होता, तो लैक्टोज छोटी आंत से अनपचा ही बड़ी आंत में पहुँच जाता है. यहाँ, यह गैस, सूजन, ऐंठन और दस्त जैसे लक्षणों का कारण बनता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया की लगभग 75% वयस्क आबादी लैक्टोज असहिष्णुता से पीड़ित है, हालाँकि इसकी गंभीरता व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न होती है. बहुत से लोग अनजाने में इस समस्या से जूझते रहते हैं, क्योंकि उन्हें यह पता नहीं होता कि उनके पाचन संबंधी मुद्दे दूध के सेवन से जुड़े हैं.

डेयरी उत्पादों को त्वचा के मुँहासे या ब्रेकआउट से भी जोड़ा जाता है. कुछ शोध बताते हैं कि डेयरी उत्पादों में हार्मोन और विकास कारक हो सकते हैं जो तैलीय त्वचा और सूजन को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे मुँहासे होने की संभावना बढ़ जाती है. युवा और किशोरावस्था के दौरान यह समस्या और भी आम हो सकती है, जब हार्मोनल बदलाव तीव्र होते हैं. हालांकि, मुँहासे के कई कारण होते हैं, लेकिन डेयरी उत्पादों को संभावित योगदानकर्ताओं में से एक माना जाता है.

इसके अतिरिक्त, कुछ व्यक्तियों को दूध में मौजूद प्रोटीन, जैसे कैसिइन और व्हे प्रोटीन से भी संवेदनशीलता हो सकती है, जो सूजन या एलर्जी जैसी प्रतिक्रियाएं पैदा कर सकती हैं. ऐसे में, डेयरी उत्पादों के सेवन के बाद शरीर में होने वाले किसी भी परिवर्तन पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है. यदि आप नियमित रूप से पाचन संबंधी समस्याओं या त्वचा संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं और आप डेयरी का सेवन करते हैं, तो कुछ हफ़्तों के लिए डेयरी उत्पादों को अपने आहार से हटाना और यह देखना उपयोगी हो सकता है कि क्या आपके लक्षणों में सुधार होता है.

आजकल दूध के कई स्वस्थ और स्वादिष्ट विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे बादाम दूध, ओट दूध, सोया दूध और नारियल दूध. ये विकल्प विटामिन, खनिज और अक्सर अतिरिक्त पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और लैक्टोज या डेयरी प्रोटीन के बिना समान पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं. स्विच करने से न केवल आपको उन समस्याओं से राहत मिल सकती है जो डेयरी उत्पाद पैदा कर सकते हैं, बल्कि यह आपके आहार में विविधता भी ला सकता है. अंततः, अपने शरीर की सुनना और यह समझना सबसे महत्वपूर्ण है कि कौन से खाद्य पदार्थ आपके लिए सबसे अच्छा काम करते हैं.

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