बॉडी बनाने की होड़ में किडनी का दुश्मन बन रहा है ज्यादा प्रोटीन, युवाओं के लिए जानिए पेशेंट-फ्रेंडली पूरी रिपोर्ट

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फिटनेस या स्लिम बॉडी के लिए दिन-रात प्रोटीन पाउडर, सप्लीमेंट या एक्स्ट्रा हाई प्रोटीन डाइट ले रहे हैं? जरा रुकिए! नई रिसर्च और डॉक्टर्स के ताजे अलार्म कह रहे हैं — "ज्यादा प्रोटीन सीधे आपकी किडनी (गुर्दे) की सेहत को खा रहा है।" भारत के नौजवान, जिम-गोअर्स और टीनेजर्स पर मंडरा रहा है साइलेंट किडनी प्रॉब्लम का खतरा।

क्यों ज़रूरत से ज्यादा प्रोटीन है खतरनाक?

मसल्स बनाने के लिए सोशल मीडिया और फिटनेस मार्केटिंग में युवाओं पर "हाई प्रोटीन डाइट" का जबरदस्त दबाव है।

"एक्टिव" युवाओं को बॉडीवेट के प्रति किलोग्राम औसतन 1.8 ग्राम से ज्यादा प्रोटीन नहीं लेना चाहिए — लेकिन रियलिटी में ये आंकड़ा कहीं ज़्यादा पार हो रहा है।

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवरंजनी संतोष के अनुसार, आज युवाओं के खून में क्रिएटिनिन लेवल 1.41, 1.5 mg/dl तक बढ़ रहा है — साफ लक्षण है किडनी पर खतरनाक लोड का।

क्रिएटिनिन मांसपेशियों के मेटाबॉलिज्म का "वेस्ट" प्रोडक्ट है। इसका बढ़ना यानी किडनी फिल्टरेशन कम या बंद होने की तरफ जा रहा है।

डॉ. विश्वनाथ बिल्ला का कहना है कि 1.2 mg/dl से ज्यादा क्रिएटिनिन भी एलर्ट है। डिहाइड्रेशन (पानी कम पीना) खतरा और बढ़ाता है।

सच क्या है? सभी पर एक जैसा प्रोटीन जरूरी नहीं

बच्चों और किशोरों को डॉक्टर सलाह के बिना प्रोटीन पाउडर बिलकुल न दें।

एक्टिव युवाओं के लिए प्रोटीन की मात्रा — वजन × अधिकतम 1.8 ग्राम/प्रति किलो/प्रति दिन से ज्यादा न हो।

हेल्दी व्यक्ति अपना प्रोटीन—दाल, अंडा, दूध-दही, चिकन/मछली, मेवे (बादाम, अखरोट), बीज (सूरजमुखी, तरबूज, कद्दू) और हरी सब्जियों से लें।

जरूरत से ज्यादा सप्लीमेंट्स या सिर्फ़ जिम ट्रेनर की बातें सुनकर "हाई प्रोटीन" ना लें।

क्या असर होता है ओवरडोज का?

किडनी फिल्ट्रेशन पर लोड—धीरे-धीरे क्रोनिक किडनी डिज़ीज़ या स्ट्रक्चरल डैमेंज।

लंबी अवधि में डिहाइड्रेशन, बार-बार पेशाब, थकान, मसक्युलर क्रैम्प्स जैसी समस्याएं।

किशोरों में जल्दी ऑस्टियोपोरोसिस, जॉइंट पेन, हार्मोनल बदल भी रिसर्च में सामने आए हैं।

किडनी बचाएं—डॉक्टर की सलाह अपनाएं!

प्रोटीन सप्लीमेंट्स केवल तभी जब मेडिकल चेकअप में कमी साबित हो और डॉक्टर ने कहा हो!

हाई प्रोटीन डाइट वालों के लिए—हर महीने क्रिएटिनिन लेवल चेक कराएं।

दिनभर खूब पानी पिएं, डिहाइड्रेशन से बचें।

संतुलन रखें—डाइट में प्रोटीन समेत पर्याप्त फाइबर, विटामिन्स, खनिज और सभी न्यूट्रिएंट्स शामिल करें।

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