बिलासपुर में खाकी वाला बखेड़ा व्यापारी दीपक टंडन ने डीएसपी पर लगाए सनसनीखेज आरोप

Post

News India Live, Digital Desk :  बिलासपुर शहर इस समय चर्चा का केंद्र बना हुआ है, लेकिन किसी अच्छी वजह से नहीं, बल्कि एक 'हाई-वोल्टेज ड्रामे' की वजह से। शहर के मशहूर कारोबारी दीपक टंडन (Deepak Tandon) और महिला डीएसपी स्नेहा साहिल (DSP Sneha Sahil) के बीच जो ठनी है, उसकी गूंज अब पुलिस हेडक्वार्टर तक सुनाई दे रही है।

आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर एक डीएसपी और व्यापारी के बीच झगड़ा हुआ क्यों? चलिए, परत-दर-परत समझते हैं।

"गुंडों के साथ आई थीं डीएसपी"

दीपक टंडन का कहना है कि वो अपने शोरूम (दुकान) पर बैठे अपना काम कर रहे थे। तभी अचानक फिल्म की तरह वहां एक डीएसपी साहिबा दाखिल होती हैं। टंडन का आरोप है कि मैडम अकेली नहीं थीं, उनके साथ उनके पति और कुछ बॉडीगार्ड्स (जिन्हें टंडन बाउंसर या गुंडे कह रहे हैं) भी थे।

दीपक टंडन का आरोप बेहद गंभीर है। उनका कहना है कि डीएसपी ने वहां आते ही अपनी वर्दी का रौब दिखाना शुरू कर दिया। कथित तौर पर धमकी दी गई "मैं यहाँ की डीएसपी हूँ, ये दुकान मेरी है, इसे खाली कर दो।" और जब टंडन ने विरोध किया, तो बात गाली-गलौज और धक्का-मुक्की तक पहुँच गई। सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) की बातें भी हो रही हैं जो शायद इस दावे की पोल खोल सकती हैं।

झगड़े की असली वजह: करोड़ों की प्रॉपर्टी

देखिये, धुआं उठा है तो आग जरूर लगी होगी। असल मुद्दा 'पैसे और प्रॉपर्टी' का है। बताया जा रहा है कि शहर के पॉश इलाके में स्थित एक शोरूम को लेकर दोनों पक्षों में पुराना विवाद है।
पुलिस पक्ष (डीएसपी के पति) का दावा है कि उन्होंने यह दुकान खरीद ली है और रजिस्ट्री भी हो चुकी है, लेकिन दीपक टंडन कब्जा नहीं छोड़ रहे।
वहीं, दीपक टंडन का कहना है कि वो प्रॉपर्टी के मालिक हैं और जबरदस्ती उन पर दबाव बनाया जा रहा है। यानी मामला कोर्ट-कचहरी और लेनदेन का है जो अब सड़क पर लड़ाई में बदल गया।

थाने में 'क्रॉस' खेल (Cross FIR)

ड्रामा यहीं ख़त्म नहीं हुआ। शोरूम के बाद दोनों पक्ष थाने पहुँच गए। दीपक टंडन ने जहाँ डीएसपी और उनके पति पर मारपीट, डराने-धमकाने और वर्दी के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया, वहीं डीएसपी पक्ष ने भी टंडन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया।
नतीजा? पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर काउमटर केस (Cross FIR) दर्ज कर लिया है। यानी अब दोनों ही "मुल्जिम" और "फरियादी" बन गए हैं।

व्यापारियों में भारी गुस्सा

इस घटना के बाद बिलासपुर का व्यापारी समाज (Business Community) गुस्से में है। उनका कहना है कि अगर रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे और प्राइवेट विवाद निपटाने के लिए 'वर्दी' का इस्तेमाल करेंगे, तो आम आदमी कहां जाएगा? उन्होंने आईजी और एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की है।

फिलहाल, पुलिस के आला अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। अब देखना होगा कि सीसीटीवी फुटेज और जांच में कौन सच्चा साबित होता है वर्दी का रूतबा या व्यापारी का दावा?

--Advertisement--