Kalki Jayanti 2025: भगवान विष्णु के अंतिम अवतार की पूजा से घर आएगी सुख समृद्धि और मिलेगी शांति
News India Live, Digital Desk: Kalki Jayanti 2025: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार, भगवान कल्कि, का जन्मोत्सव हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को "कल्कि जयंती" के रूप में बड़े श्रद्धाभाव से मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कल्कि कलियुग के अंत में दुष्टों का संहार करने और धर्म की पुनः स्थापना करने के लिए प्रकट होंगे। यह पवित्र पर्व वर्ष 2025 में बुधवार, 30 जुलाई को पड़ रहा है, और इस दिन विधिवत पूजा-अर्चना करने से भक्तों को भगवान कल्कि का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उनके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
कल्कि जयंती पर पूजा का शुभ मुहूर्त इस साल शाम 4 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। यह कुल 2 घंटे और 42 मिनट की अवधि है, जिसे भगवान कल्कि के पूजन और मंत्र जाप के लिए अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है।
इस पावन दिन पर, भक्तों को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद, मन में व्रत और पूजा का संकल्प लें। अपने पूजा स्थल पर भगवान कल्कि की प्रतिमा या भगवान विष्णु के किसी स्वरूप की तस्वीर स्थापित करें। पूजन की शुरुआत में, प्रतिमा पर गंगाजल का छिड़काव कर शुद्धिकरण करें, फिर कुमकुम और अक्षत बिना टूटे हुए चावल अर्पित करें। इसके पश्चात, भगवान को ताजे फूल, मौसमी फल, और गुलाल चढ़ाएँ। दीपक प्रज्वलित करें और धूप-अगरबत्ती जलाकर भगवान का ध्यान करें।
अंत में, भक्तिभाव से भगवान की आरती करें और पूजा के बाद अर्पित किए गए प्रसाद को परिवार के सदस्यों और ज़रूरतमंदों में बाँटें। पूजा के समापन पर, अपने जीवन में सुख, शांति और किसी भी संकट से मुक्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करें। ऐसा माना जाता है कि कल्कि जयंती के दिन धार्मिक ग्रंथों, विशेष रूप से कल्कि पुराण और श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त, इस दिन किए गए दान-पुण्य से पूर्व के पापों का शमन होता है और विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
कल्कि जयंती का पर्व इस शाश्वत सत्य को भी दर्शाता है कि अंधकार कितना भी गहरा क्यों न हो, अंततः धर्म की विजय निश्चित है, और भगवान कल्कि के अवतरण से मानवता एक नए, शांत और सद्गुणी मार्ग पर आगे बढ़ेगी।
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