Jharkhand Coal Mine : कोयला मजदूरों के लिए अब तक की सबसे बड़ी खबर, खदान में मौत पर सरकार देगी 1 करोड़ रुपये
News India Live, Digital Desk: Jharkhand Coal Mine : कोयला खदानों की अंधेरी और खतरनाक गहराइयों में हर रोज अपनी जान जोखिम में डालकर देश के लिए ऊर्जा पैदा करने वाले कोयला मजदूरों और उनके परिवारों के लिए केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक और बेहद राहत भरा फैसला लिया है। केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने ऐलान किया है कि अब किसी भी खदान दुर्घटना में अगर किसी मजदूर की जान जाती है, तो उसके परिवार को कम से कम 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
यह घोषणा कोयला क्षेत्र में काम करने वाले लाखों श्रमिकों के लिए एक बहुत बड़ी सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा गारंटी मानी जा रही है।
क्या है यह बड़ा ऐलान?
केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी झारखंड के दौरे पर थे। इसी दौरान उन्होंने रांची में सीसीएल (Central Coalfields Limited), बीसीसीएल (Bharat Coking Coal Limited) और सीएमपीडीआई (Central Mine Planning and Design Institute) के बड़े अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इसी बैठक के दौरान उन्होंने मजदूरों के कल्याण से जुड़ी यह बड़ी घोषणा की।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी परिस्थिति में, खदान दुर्घटना में जान गंवाने वाले मजदूर के परिवार को मिलने वाली कुल राशि (जिसमें एक्स-ग्रेशिया, सीएमपीएफ, ग्रेच्युटी आदि शामिल हैं) 1 करोड़ रुपये से कम नहीं होगी। यह अब तक के मुआवजे के प्रावधानों में सबसे बड़ा अपग्रेड है।
मजदूरों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कोयला कंपनियों की सबसे पहली प्राथमिकता मजदूरों की सुरक्षा होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खदानों में सुरक्षा के मानकों को और कड़ा किया जाए और नई तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाया जाए, ताकि दुर्घटनाओं को होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा, "एक मजदूर सिर्फ एक कर्मचारी नहीं है, बल्कि वह अपने पूरे परिवार का आधार होता है। उसकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।"
इसके अलावा, जी. किशन रेड्डी ने कोयला उत्पादन बढ़ाने, देश को कोकिंग कोल के मामले में आत्मनिर्भर बनाने और मजदूरों के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाओं पर भी जोर दिया।
यह फैसला निश्चित रूप से उन हजारों परिवारों को एक बड़ा संबल देगा, जिनका कोई अपना हर रोज जान हथेली पर रखकर खदानों में उतरता है। यह न सिर्फ एक आर्थिक मदद है, बल्कि उन गुमनाम नायकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का भाव भी है।
--Advertisement--