जन-धन खाता धारक ध्यान दें: आपके पास हैं सिर्फ़ कुछ घंटे, वरना बंद हो जाएगा आपका अकाउंट

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अगर आपका या आपके किसी जानने वाले का जन-धन खाता है, तो यह ख़बर आपके लिए बहुत ज़रूरी है. सरकार द्वारा चलाई गई इस ख़ास योजना के तहत खोले गए खातों के लिए KYC (अपने ग्राहक को जानें) अपडेट करने की आख़िरी तारीख 30 सितंबर है. इसका मतलब है कि आपके पास अब सिर्फ़ कुछ ही घंटों का समय बचा है.

अगर आपने इस डेडलाइन तक अपने खाते की KYC पूरी नहीं की, तो आपका खाता फ्रीज़ यानी अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है. इसके बाद आप न तो खाते से पैसे निकाल पाएंगे और न ही उसमें पैसे जमा कर पाएंगे.

क्या है ये जन-धन खाता और क्यों ज़रूरी है KYC?

प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत 2014 में देश के हर नागरिक को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए की गई थी. इसका मक़सद था कि सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लोगों के खाते में पहुंच सके. इन खातों में मिनिमम बैलेंस रखने की कोई ज़रूरत नहीं होती.

लेकिन, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियमों के मुताबिक, हर बैंक खाते के लिए KYC करवाना अनिवार्य है. यह इसलिए किया जाता है ताकि कोई भी इन खातों का ग़लत इस्तेमाल न कर सके. अब सरकार ने सभी जन-धन खातों के लिए भी KYC को सख़्ती से लागू कर दिया है.

कैसे पता करें कि आपकी KYC हुई है या नहीं?

अगर आपको गैस सब्सिडी, किसान सम्मान निधि या पेंशन जैसी सरकारी योजनाओं का पैसा अपने खाते में आने में कोई दिक्कत नहीं आ रही है, तो इसका मतलब है कि आपकी केवाईसी शायद पूरी हो गई है। लेकिन अगर आपको कोई संदेह है, तो सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपनी बैंक शाखा में जाकर पता करें।

KYC करवाने के लिए क्या करें?

यह प्रक्रिया बहुत ही आसान है और इसमें कोई पैसा नहीं लगता.

  1. अपनी बैंक ब्रांच जाएं: जिस बैंक में आपका जन-धन खाता है, उसकी नज़दीकी शाखा में जाएं.
  2. KYC फ़ॉर्म भरें: बैंक से KYC फ़ॉर्म लेकर उसे ध्यान से भरें.
  3. ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करें: फ़ॉर्म के साथ अपने पैन कार्ड और आधार कार्ड की एक फ़ोटोकॉपी लगाएं. आपको अपना असली पैन और आधार कार्ड भी साथ ले जाना होगा, ताकि बैंक अधिकारी उसे वेरीफ़ाई कर सकें.

बस, इतना करते ही आपकी KYC अपडेट हो जाएगी और आपका खाता बिना किसी रुकावट के चलता रहेगा.

याद रखिए, यह आपकी मेहनत की कमाई का खाता है. इसे बंद होने से बचाने के लिए आज ही यह छोटा-सा काम ज़रूर कर लें. कहीं ऐसा न हो कि जब आपको पैसों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत हो, तब आप अपना ही पैसा इस्तेमाल न कर पाएं.

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