Income Tax Update: कंपनियों के लिए ITR फाइलिंग का सीजन शुरू, आयकर विभाग ने जारी की ITR-6 की एक्सेल यूटिलिटी
Income Tax Update: देश की सभी कंपनियों और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CAs) के लिए एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने निर्धारण वर्ष 2025-26 (Assessment Year 2025-26) के लिए ITR-6 फॉर्म की ऑफलाइन एक्सेल यूटिलिटी (Excel Utility) को लॉन्च कर दिया है।
इस यूटिलिटी के जारी होने का सीधा मतलब है कि अब उन सभी कंपनियों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू हो गई है, जिन्हें यह फॉर्म भरना होता है। यह एक संकेत है कि कंपनियों और टैक्स पेशेवरों को अब बिना देरी किए अपनी रिटर्न फाइलिंग की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए और आखिरी तारीख का इंतजार नहीं करना चाहिए।
आइए विस्तार से समझते हैं कि ITR-6 क्या है, यह किन कंपनियों के लिए है, और इस एक्सेल यूटिलिटी के लॉन्च होने के क्या मायने हैं।
क्या है ITR-6 और किसे भरना है यह फॉर्म?
इनकम टैक्स रिटर्न के कई फॉर्म होते हैं, जो अलग-अलग तरह के करदाताओं के लिए होते हैं। ITR-6 विशेष रूप से कंपनियों (Companies) के लिए डिजाइन किया गया है।
यह फॉर्म उन सभी कंपनियों के लिए अनिवार्य है जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं करती हैं।
आसान भाषा में समझें:
- अगर आपकी एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पब्लिक लिमिटेड कंपनी या किसी अन्य प्रकार की कंपनी है जो सामान्य रूप से अपना कारोबार कर रही है, तो आपको ITR-6 भरना होगा।
- यह फॉर्म उन कंपनियों के लिए नहीं है जिनकी आय धार्मिक या धर्मार्थ कार्यों (religious or charitable purposes) से होती है और वे सेक्शन 11 के तहत टैक्स छूट का लाभ लेती हैं। ऐसी संस्थाओं को ITR-7 भरना होता है।
यह फॉर्म निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए है जिसका मतलब है कि यह वित्तीय वर्ष 2024-25 (1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025) के दौरान हुई आय के लिए भरा जाएगा।
'एक्सेल यूटिलिटी' का क्या मतलब है और यह क्यों है ज़रूरी?
ITR फाइल करने के दो मुख्य तरीके होते हैं - ऑनलाइन और ऑफलाइन। ITR-6 जैसे जटिल फॉर्म्स, जिनमें बहुत सारी वित्तीय जानकारी भरनी होती है के लिए आयकर विभाग एक ऑफलाइन यूटिलिटी जारी करता है।
- ऑफलाइन काम करने की सुविधा: एक्सेल यूटिलिटी एक तरह का ऑफलाइन सॉफ्टवेयर या टूल है, जिसे आप इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं। आप इसमें इंटरनेट के बिना भी अपनी कंपनी की सारी वित्तीय जानकारी आराम से और ध्यानपूर्वक भर सकते हैं।
- गलतियों की कम संभावना: ऑनलाइन फॉर्म भरते समय इंटरनेट कनेक्शन टूटने या सर्वर टाइम-आउट होने का खतरा रहता है। ऑफलाइन यूटिलिटी में यह समस्या नहीं होती, जिससे गलतियों की संभावना कम हो जाती है।
- JSON फाइल बनाना: सारी जानकारी भरने के बाद, यह यूटिलिटी एक 'JSON' फाइल बनाती है। आपको बस इस तैयार JSON फाइल को इनकम टैक्स के पोर्टल पर जाकर अपलोड करना होता है। यह प्रक्रिया बेहद तेज और आसान है।
- CAs के लिए फायदेमंद: यह टूल टैक्स पेशेवरों और CAs के लिए विशेष रूप से बहुत उपयोगी है, क्योंकि वे एक साथ कई कंपनियों की रिटर्न तैयार कर सकते हैं और फिर एक-एक करके उन्हें पोर्टल पर अपलोड कर सकते है।
ITR-6 भरने की आखिरी तारीख क्या है? (Important Deadline)
यह जानना बेहद ज़रूरी है कि जिन कंपनियों के लिए ITR-6 भरना अनिवार्य है, उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि आमतौर पर 31 अक्टूबर होती है। यानी, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ITR-6 भरने की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर, 2025 है।
क्यों है आखिरी तारीख का इंतजार करना एक बड़ी गलती?
आयकर विभाग ने समय से पहले यूटिलिटी जारी करके यह साफ कर दिया ਹੈ कि करदाताओं के पास रिटर्न भरने के लिए पर्याप्त समय है। इसलिए, आखिरी तारीख का इंतजार करना एक बड़ी गलती साबित हो सकता है:
- तकनीकी समस्याएं: आखिरी दिनों में ई-फाइलिंग पोर्टल पर भारी ट्रैफिक के कारण सर्वर स्लो हो सकता है या क्रैश भी हो सकता है।
- गलतियों की संभावना: जल्दबाजी में रिटर्न भरने से गलतियां होने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे बाद में आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस भी आ सकता है।
- भारी जुर्माना: समय पर रिटर्न न भरने पर भारी जुर्माना और ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है।
इसलिए, सभी संबंधित कंपनियों और टैक्स सलाहकारों को यह सलाह दी जाती है कि वे तुरंत इस यूटिलिटी को डाउनलोड करें और अपनी ITR फाइलिंग की प्रक्रिया शुरू कर दें।
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