गुवाहाटी में टला बड़ा विमान हादसा! लैंड करने की बजाय हवा में गोता लगा गया IndiGo का प्लेन, जानें फिर क्या हुआ

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हवाई यात्रा के दौरान हर यात्री की सबसे बड़ी उम्मीद एक सुरक्षित लैंडिंग होती है। लेकिन तब क्या हो जब आपका विमान जमीन को छूने ही वाला हो और अचानक उसके इंजन पूरी ताकत से दहाड़ने लगें और वह वापस आसमान की ओर चढ़ जाए? ऐसा ही एक खौफनाक और रौंगटे खड़े कर देने वाला पल अनुभव किया इंडिगो (IndiGo) की फ्लाइट में सवार 150 से अधिक यात्रियों ने।

डिब्रूगढ़ से गुवाहाटी जा रही इंडिगो की एक उड़ान को गुवाहाटी के लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान अपनी पहली कोशिश को रद्द करना पड़ा, जिसे विमानन भाषा में 'गो-अराउंड' (Go-Around) कहा जाता है । इस घटना के दौरान यात्रियों की सांसें अटक गईं, लेकिन पायलट की सूझबूझ और असाधारण कौशल ने एक बड़ा हादसा टाल दिया और कुछ देर बाद विमान को सुरक्षित रूप से लैंड करा लिया गया।

 

क्या हुआ था आसमान में? (A First-Hand Experience)

इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E-2472 अपने निर्धारित समय पर डिब्रूगढ़ से गुवाहाटी के लिए रवाना हुई थी। यात्रा सामान्य थी और विमान गुवाहाटी हवाई अड्डे पर उतरने के लिए तैयार था। यात्री अपनी सीट बेल्ट बांधकर लैंडिंग का इंतजार कर रहे थे, विमान रनवे के काफी करीब आ चुका था।

तभी, अचानक विमान के इंजनों की आवाज तेज हो गई और यात्रियों को तेज झटका महसूस हुआ। विमान नीचे जाने के बजाय, तेजी से वापस ऊपर की ओर चढ़ने लगा। इस अप्रत्याशित घटना से यात्रियों में दहशत और घबराहट फैल गई। कुछ देर तक किसी को समझ नहीं आया कि आखिर हो क्या रहा हैं। केबिन क्रू यात्रियों को शांत रहने और अपनी सीटों पर बैठे रहने की अपील की।

 

क्यों किया जाता है 'गो-अराउंड'? क्या यह खतरनाक है?

आम धारणा के विपरीत, 'गो-अराउंड' या लैंडिंग को रद्द करना पायलट की गलती का नहीं, बल्कि उसकी अत्यधिक सावधानी और व्यावसायिकता का संकेत है। यह एक मानक सुरक्षा प्रक्रिया (Standard Safety Procedure) हैं जिसे हर पायलट को कठोरता से प्रशिक्षित किया जाता हैं।

एक पायलट 'गो-अराउंड' का फैसला तब लेता है, जब उसे लैंडिंग के लिए परिस्थितियां 100% सुरक्षित नहीं लगतीं। इसके कई कारण हो सकते हैं:

  • खराब मौसम: रनवे पर तेज हवाएं (Crosswinds),  भारी बारिश या खराब दृश्यता (Poor Visibility)।
  • अस्थिर अप्रोच (Unstable Approach): अगर विमान रनवे के साथ सही कोण या गति पर नहीं हैं।
  • रनवे पर कोई बाधा: रनवे पर किसी अन्य विमान, वाहन या जानवर की मौजूदगी।
  • ATC का निर्देश: एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) द्वारा किसी भी कारण से लैंडिंग रोकने का निर्देश मिलना।
  • तकनीकी संकेत: विमान के किसी सिस्टम से कोई चेतावनी संकेत मिलना।

इस स्थिति में, पायलट विमान को वापस सुरक्षित ऊंचाई पर ले जाता ਹੈ, हवाई अड्डे का एक चक्कर लगाता ਹੈ और जब सभी परिस्थितियां अनुकूल हो जाती हैं, तब लैंडिंग का दूसरा प्रयास करता है।

 

पायलट की सूझबूझ और यात्रियों की राहत

इंडिगो के पायलट ने भी इसी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया। पहली कोशिश में लैंडिंग के लिए अनुकूल परिस्थितियां न पाकर, उन्होंने बिना कोई जोखिम लिए विमान को 'गो-अराउंड' कराया। कुछ मिनटों तक हवा में चक्कर लगाने के बाद, जब सब कुछ नियंत्रण में और सुरक्षित पाया गया, तो पायलट ने सफलतापूर्वक और बहुत ही सहजता से विमान को गुवाहाटी के रनवे पर उतार दिया।

विमान के सुरक्षित उतरते ही यात्रियों ने राहत की सांस ली और उनकी जान में जान आई। कई यात्रियों ने ताली बजाकर पायलट के कौशल और इस तनावपूर्ण स्थिति को संभालने के तरीके की सराहना की।

इंडिगो ने भी इस घटना की पुष्टि करते हुए एक बयान जारी किया और कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया थी जिसे सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंजाम दिया गया। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को इस घटना की सूचना दे दी गई है और वे नियमित प्रक्रिया के तहत इसकी जांच करेंगे। यह घटना एक बार फिर साबित करती हैं हवाई यात्रा में यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि होती ਹੈ और पायलट हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित होते हैं।

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