Indian Trolls : भिक्षाम् देहि बोलकर पेट्रोल भराओ, अमेरिकी अफसर के ब्राह्मण वाले कमेंट पर भड़के भारतीय, मीम्स की बाढ़

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News India Live, Digital Desk: Indian Trolls : जबसे व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को "टैरिफ का महाराजा" और "क्रेमलिन का लॉन्ड्रोमैट" कहा है, तभी से सोशल मीडिया पर घमासान मचा हुआ है. लेकिन उनकी सारी आलोचनाओं पर उनका एक कमेंट भारी पड़ गया. उन्होंने भारत के रूस से तेल खरीदने और अमेरिका से व्यापार में रियायतें मांगने की तुलना "पेट्रोल पंप पर भिक्षां देहि कहते हुए ब्राह्मण" से कर दी.

बस फिर क्या था! 'देसी ट्विटर' और इंस्टाग्राम यूजर्स को जैसे कोई खजाना मिल गया. नवारो भारत को नीचा दिखाना चाहते थे, लेकिन भारतीयों ने उनके इस अजीबोगरीब बयान को मजाक और मीम्स में बदलकर उन्हीं को आड़े हाथों ले लिया.

क्या था ये 'भिक्षाम् देहि' वाला बयान?

एक इंटरव्यू में नवारो ने भारत पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा था, "एक तरफ तो वो (भारत) हमसे टैरिफ कम करने की उम्मीद करते हैं, तो दूसरी तरफ रूस से सस्ता तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध में उसकी मदद कर रहे हैं." इसी बात को समझाने के लिए उन्होंने एक अजीब उदाहरण देते हुए कहा, "यह कुछ ऐसा है जैसे कोई ब्राह्मण पेट्रोल पंप पर 'भिक्षाम् देहि' (मुझे भिक्षा दो) कह रहा हो. यह बेहद अपमानजनक है."

भारतीयों ने दिया करारा जवाब, मीम्स वायरल

पीटर नवारो शायद ये भूल गए थे कि वो दुनिया के सबसे बड़े 'ऑनलाइन आबादी' वाले देश पर कमेंट कर रहे हैं, जो किसी भी बात को वायरल करने में माहिर हैं. भारतीयों को यह "ब्राह्मण" और "भिक्षा" वाला कमेंट बेहद अजीब और अपमानजनक लगा, लेकिन उन्होंने इसका जवाब गुस्से से नहीं, बल्कि व्यंग्य और ह्यूमर से दिया.

  • एक यूजर ने लिखा, "आज से पेट्रोल पंप पर पेमेंट के लिए मेरा कोड वर्ड- भिक्षाम् देहि."
  • कई लोगों ने काल्पनिक वीडियो बनाए, जिसमें दिखाया गया कि कैसे कोई गाड़ी लेकर पेट्रोल पंप पर जाता है और कहता है, "200 रुपये का भिक्षाम् देहि डाल दो भैया."
  • एक और यूजर ने ट्वीट किया, "अब हमें अपने यूपीआई पेमेंट साउंडबॉक्स में 'भिक्षाम् देहि' टोन लगवानी चाहिए."
  • सोशल मीडिया पर ऐसे मीम्स की बाढ़ आ गई है, जहां लोग पेट्रोल पंप के अलग-अलग सिनेरियो में 'भिक्षाम् देहि' का इस्तेमाल कर रहे हैं.

लोगों का कहना है कि नवारो का यह बयान न सिर्फ भारत को लेकर उनकी खराब समझ को दिखाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अमेरिका भारत की स्वतंत्र विदेश नीति से कितना बौखलाया हुआ है. भारतीयों ने यह साफ कर दिया है कि वे अपने देश के खिलाफ ऐसी बातों को गंभीरता से नहीं, बल्कि मजाक में उड़ाकर जवाब देना बेहतर समझते हैं.

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