India-US Trade Deal: अमेरिका ने जापान समेत एशियाई देशों के साथ किया ट्रेड डील का ऐलान, भारत को लेकर ऐसी अहम जानकारी

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भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने एक ऐतिहासिक व्यापार समझौते की घोषणा की है जिसके तहत जापान से अमेरिका में आयातित वस्तुओं पर 15% टैरिफ लगेगा। यह टैरिफ पहले से तय 25% टैरिफ से कम है, जो दोनों देशों के बीच समझौते का संकेत है।

इसके अलावा, अमेरिका ने इंडोनेशिया सहित अन्य एशियाई देशों के साथ भी व्यापार समझौतों की घोषणा की है, जिसके तहत इंडोनेशिया को अमेरिकी बाजार में शून्य टैरिफ पहुंच दी गई है, जबकि इंडोनेशिया से आयात पर 19% टैरिफ लगेगा।

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की संभावना

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत भी तेज़ी से आगे बढ़ रही है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिकी कंपनियों के लिए बाज़ार की बाधाओं को कम करने के लिए तैयार है, जिससे जल्द ही एक समझौता हो सकता है। इस समझौते के तहत भारत पर 26% टैरिफ़ को घटाकर 20% से भी कम किया जा सकता है।

भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, हम एक जटिल व्यापार वार्ता के बीच में हैं। हम दोनों पक्षों को पारस्परिकता की नीति अपनानी होगी। भारत ने कृषि और डेयरी क्षेत्रों में अपनी स्थिति बनाए रखी है, जबकि मक्के और कुछ फलों के लिए बाज़ार पहुँच की अमेरिकी माँग को स्वीकार करने की संभावना है।

भारत के लिए क्या लाभदायक है?

पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर का था, जिसमें अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत के कुल निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 18%, आयात में 6.22% और कुल व्यापार में 10.73% है।

एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के निर्यात पर टैरिफ का प्रभाव नगण्य होगा क्योंकि भारत के आईटी, वित्तीय और व्यावसायिक सेवा क्षेत्र ने 2024-25 में रिकॉर्ड 387.5 अरब डॉलर का निर्यात किया था। चीन और सिंगापुर पर लगाए गए उच्च टैरिफ का लाभ उठाकर भारत रासायनिक निर्यात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकता है।

आगे क्या?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता 1 अगस्त, 2025 की समयसीमा से पहले पूरी होने की संभावना है। भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, यह समझौता दोनों देशों के लिए फ़ायदेमंद होगा। दोनों देशों का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुँचाना है। यह व्यापार समझौता भारत के कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, इलेक्ट्रिक वाहन और पेट्रोकेमिकल उत्पादों जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दे सकता है।

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