जम्मू-कश्मीर के जंगलों में छिपे विदेशी आतंकियों पर कसेगा शिकंजा, IGP बोले- सफाए के लिए चल रहा बड़ा ऑपरेशन

Post

News India Live, Digital Desk :  जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने राजौरी-पुंछ के घने जंगलों में छिपे विदेशी आतंकवादियों के सफाये के लिए एक बड़ा और निर्णायक अभियान छेड़ दिया है. जम्मू जोन के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) आनंद जैन ने कहा है कि इन आतंकियों को खत्म करने के लिए पूरी ताकत और रणनीति के साथ प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे.

जंगलों को बना रहे हैं ठिकाना

IGP आनंद जैन ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि सीमा पार से घुसपैठ करने वाले विदेशी आतंकवादी अब रिहायशी इलाकों में पनाह लेने के बजाय राजौरी, पुंछ और कठुआ के ऊपरी इलाकों के घने जंगलों को अपनी सुरक्षित पनाहगाह बना रहे हैं. उन्होंने कहा, "ये आतंकवादी अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं और उनके पास आधुनिक हथियार हैं. वे इन जंगलों के भूगोल का फायदा उठाकर छिपे हुए हैं."

उन्होंने स्वीकार किया कि इन विदेशी आतंकवादियों से निपटना सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन हमारी सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां ​​उनके सफाए के लिए एक समन्वित अभियान चला रही हैं.

क्या है सुरक्षा बलों का एक्शन प्लान?

IGP के अनुसार, इन आतंकियों को बेअसर करने के लिए एक बहु-स्तरीय रणनीति पर काम किया जा रहा है:

  1. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल: जंगलों में आतंकियों की सटीक लोकेशन का पता लगाने के लिए ड्रोन, थर्मल इमेजर और अन्य हाई-टेक गैजेट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है.
  2. मानव खुफिया तंत्र को मजबूत करना: स्थानीय आबादी के बीच से खुफिया जानकारी जुटाने के नेटवर्क को और भी मजबूत किया गया है ताकि आतंकियों की हर हरकत पर नजर रखी जा सके.
  3. संयुक्त अभियान: जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना और अर्धसैनिक बल मिलकर एक संयुक्त अभियान चला रहे हैं, ताकि हर तरफ से घेराबंदी कर आतंकियों को भागने का कोई मौका न दिया जाए.

ड्रग्स के जरिए आतंकवाद को फंडिंग

आईजीपी जैन ने यह भी बताया कि आतंकवादी संगठन अब अपनी फंडिंग के लिए ड्रग्स का सहारा ले रहे हैं. उन्होंने कहा, “सीमा पार से नशीले पदार्थों की तस्करी आतंकवाद को जिंदा रखने का एक नया जरिया बन गई है. हमने हाल के दिनों में कई बड़े ड्रग्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है और इस नेटवर्क को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए काम कर रहे हैं.”

सुरक्षा बलों का यह कड़ा रुख और नई रणनीति इस बात का संकेत है कि अब जम्मू-कश्मीर के इन जंगलों में छिपे आतंकवादियों के लिए बचना मुश्किल होगा.

--Advertisement--