बच्चों की सर्दी-खांसी से हैं परेशान? आजमाएं ये 5 असरदार आयुर्वेदिक नुस्खे

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News India Live, Digital Desk : बदलता मौसम अपने साथ कई बीमारियां लेकर आता है, और इसका सबसे पहला असर बच्चों पर दिखाई देता है। बच्चों की इम्यूनिटी थोड़ी कमजोर होती है, जिस वजह से वे सर्दी, खांसी और जुकाम की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। ऐसे में हर बार बच्चों को अंग्रेजी दवाइयां देना ठीक नहीं लगता। कई माता-पिता बच्चों के लिए सुरक्षित और प्राकृतिक उपाय ढूंढते हैं।

अगर आप भी अपने बच्चे की खांसी-जुकाम से परेशान हैं, तो आपकी रसोई में ही इसका इलाज छिपा है। आयुर्वेद में ऐसी कई चीजें हैं जो बिना किसी साइड इफेक्ट के बच्चों को इन मौसमी बीमारियों से राहत दिला सकती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही सरल और असरदार घरेलू नुस्खों के बारे में।

बच्चों के लिए 5 रामबाण आयुर्वेदिक उपाय

1. शहद और अदरक का जादू

शहद और अदरक का मिश्रण सर्दी-खांसी के लिए सालों से इस्तेमाल हो रहा है। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले की खराश और सूजन को कम करते हैं। वहीं, शहद खांसी को शांत करने में मदद करता है।

  • कैसे इस्तेमाल करें: अदरक के रस की कुछ बूंदों को एक चम्मच शहद में मिलाकर बच्चे को धीरे-धीरे चटाएं। इसे दिन में दो से तीन बार दिया जा सकता है। ध्यान दें: एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद बिल्कुल न दें।

2. तुलसी का काढ़ा

तुलसी को आयुर्वेद में "जड़ी-बूटियों की रानी" कहा जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं। यह छाती में जमे कफ को बाहर निकालने में मदद करती है।

  • कैसे इस्तेमाल करें: 4-5 तुलसी के पत्तों को एक कप पानी में अदरक के एक छोटे टुकड़े और 2-3 काली मिर्च के साथ उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छानकर थोड़ा ठंडा होने पर बच्चे को पिलाएं। स्वाद के लिए आप इसमें थोड़ा शहद (एक साल से बड़े बच्चों के लिए) या गुड़ मिला सकते हैं।

3. मुलेठी करेगी गले को शांत

मुलेठी की जड़ गले के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह गले की खराश, दर्द और खांसी में तुरंत राहत देती है। इसका स्वाद भी मीठा होता है, इसलिए बच्चे इसे आसानी से ले लेते हैं।

  • कैसे इस्तेमाल करें: मुलेठी का एक छोटा टुकड़ा बच्चे को चूसने के लिए दें। अगर बच्चा छोटा है, तो आप मुलेठी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर भी चटा सकते हैं।

4. हल्दी वाला दूध

हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। गर्म दूध के साथ हल्दी मिलाकर पीने से यह शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह सर्दी और खांसी दोनों में बहुत फायदेमंद है।

  • कैसे इस्तेमाल करें: एक गिलास गर्म दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी पाउडर और एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाकर बच्चे को सोने से पहले पिलाएं। काली मिर्च हल्दी के गुणों को शरीर में सोखने में मदद करती है।

5. अजवाइन की पोटली

छोटे बच्चों, खासकर शिशुओं के लिए यह एक बहुत ही सुरक्षित और कारगर उपाय है। अजवाइन की महक बंद नाक को खोलने और सांस लेने में हो रही तकलीफ को दूर करने में मदद करती है।

  • कैसे इस्तेमाल करें: एक साफ सूती कपड़े में अजवाइन की कुछ कलियों को बांधकर एक छोटी पोटली बना लें। इसे गर्म तवे पर हल्का सा गर्म करें (ध्यान रहे कि यह बहुत ज्यादा गर्म न हो) और बच्चे की छाती और पीठ पर धीरे-धीरे सेंक लगाएं। आप इस पोटली को बच्चे के सोने की जगह के पास भी रख सकते हैं।

जरूरी बात:

ये घरेलू नुस्खे हल्की-फुल्की सर्दी-खांसी में राहत देने के लिए हैं। अगर बच्चे को दो-तीन दिन से ज्यादा खांसी है, उसे तेज बुखार है या सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क करें।

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