होटल में फ्री पानी न मिले तो क्या करें? जानिए उपभोक्ता अधिकार और शिकायत करने का तरीका

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 होटल में फ्री पानी मिलना क्यों ज़रूरी है?

जब आप किसी होटल या रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं, तो आप सिर्फ भोजन की कीमत नहीं चुकाते, बल्कि उस स्थान की सर्विस का भी भुगतान करते हैं। अब सोचिए, अगर इतनी राशि खर्च करने के बाद भी आपको पीने का साफ पानी ना मिले तो ये कहां तक उचित है? यह सिर्फ एक असुविधा नहीं, बल्कि आपके उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है।

पिछले कुछ सालों में यह चलन बहुत बढ़ गया है कि होटल वाले शुद्ध पीने का पानी सर्व नहीं करते। इसके बजाय, वे सीधे बोतलबंद पानी की सिफारिश करते हैं — वह भी अतिरिक्त शुल्क पर। इससे न केवल ग्राहक को अनावश्यक खर्च करना पड़ता है, बल्कि यह नियमों के भी खिलाफ है।

दरअसल, हर होटल और रेस्टोरेंट की यह कानूनी जिम्मेदारी है कि वे अपने ग्राहकों को साफ पीने का पानी मुफ्त में उपलब्ध कराएं। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो आप उनके खिलाफ उचित कदम उठा सकते हैं।

होटल फ्री पानी क्यों नहीं देते? मुनाफा या लापरवाही?

अब सवाल उठता है कि आखिर होटल फ्री में पानी क्यों नहीं देते, जबकि ये उनकी ड्यूटी है? जवाब है — मुनाफा। बोतलबंद पानी पर होटल को अच्छा मार्जिन मिलता है। एक छोटी सी बोतल जिसकी कीमत 20-30 रुपये होती है, वह होटल में 40-50 रुपये में बेची जाती है। इससे उनकी आमदनी बढ़ती है, और ग्राहक की जेब हल्की होती है।

इसके अलावा कुछ होटल इस बात की जानकारी ही नहीं देते कि फ्री पीने का पानी उपलब्ध है। वे मेन्यू कार्ड या टेबल पर बोतलबंद पानी पहले से रख देते हैं, जिससे ग्राहक सोचता है कि यही विकल्प है। यह जानबूझकर किया गया भ्रम होता है।

हालांकि, होटल वाले यह नहीं कह सकते कि उनके पास शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है। हर होटल को अपने परिसर में आरओ, फिल्टर या पानी की टंकी जैसी सुविधाएं देना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया जाता, तो यह एक गंभीर लापरवाही मानी जाएगी।

 उपभोक्ता के अधिकार: जानिए क्या कहता है कानून

भारत में उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू किया गया है। इसके तहत हर ग्राहक को यह अधिकार है कि उसे सुरक्षित, साफ और आवश्यक सेवा दी जाए। इसमें पीने का पानी भी शामिल है।

कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के मुताबिक, होटल या रेस्टोरेंट जैसे सेवा प्रदाताओं को ग्राहकों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करानी होती हैं, जिसमें साफ पानी सबसे प्रमुख है। यदि होटल आपको फ्री पानी देने से मना करता है और जबरदस्ती बोतलबंद पानी बेचता है, तो आप इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

नियम क्या कहते हैं?

ग्राहक को फ्री में पीने का पानी मिलना चाहिए

ग्राहक को बोतल खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता

ग्राहकों से बोतल का शुल्क लेने पर रसीद देना अनिवार्य है

रसीद में उस शुल्क का उल्लेख ज़रूरी है

 होटल के खिलाफ कहां और कैसे करें शिकायत?

अगर आप होटल में खाना खाने गए थे और उन्होंने आपको फ्री पानी नहीं दिया, या जबरदस्ती बोतलबंद पानी बेचा — तो घबराने की जरूरत नहीं। आपके पास कई विकल्प हैं जहां आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

1. नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH)

टोल फ्री नंबर: 1800-11-4000

SMS सेवा: 8130009809 पर 'COMP' लिखकर भेजें

ऑनलाइन शिकायत: https://consumerhelpline.gov.in/public/

2. लोकल फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट

आप अपने जिले के फूड इंस्पेक्टर या खाद्य सुरक्षा विभाग में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इससे होटल पर स्थानीय स्तर पर कार्रवाई होती है।

3. Consumer Court (जिला उपभोक्ता फोरम)

यदि आपको लगता है कि आपकी शिकायत गंभीर है, और होटल ने जानबूझकर आपके अधिकारों का उल्लंघन किया है, तो आप सीधे कंज्यूमर कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए आपको बिल या रसीद की कॉपी रखना जरूरी है।

 शिकायत करते समय किन बातों का रखें ध्यान?

शिकायत करते वक्त कुछ जरूरी दस्तावेज और बातें ध्यान में रखें ताकि आपकी शिकायत प्रभावी रूप से दर्ज हो और उचित कार्रवाई हो सके।

 जरूरी बातें:

होटल से बिल या रसीद ज़रूर लें जिसमें पानी की बोतल का जिक्र हो

होटल का नाम, पता, दिनांक और समय की जानकारी रखें

यदि संभव हो तो फोटो या वीडियो सबूत भी संलग्न करें

लिखित शिकायत में समस्या की स्पष्ट जानकारी दें

इसके अलावा, यदि आप ऑनलाइन शिकायत कर रहे हैं, तो फॉर्म भरते वक्त सभी डिटेल सही-सही भरें और सबमिट करने के बाद शिकायत नंबर नोट करें। यह आपको बाद में ट्रैकिंग में मदद करेगा।

क्या होटल वाले रसीद देने से मना कर सकते हैं?

अक्सर जब ग्राहक बोतलबंद पानी खरीदते हैं, तो होटल वाले रसीद देने से मना कर देते हैं या फिर रसीद में उसका उल्लेख नहीं करते। यह एक गंभीर उल्लंघन है। नियमों के अनुसार, होटल को हर वस्तु या सेवा के लिए रसीद देना अनिवार्य होता है, चाहे वह खाने की प्लेट हो या सिर्फ पानी की बोतल।

जब होटल रसीद देने से इनकार करता है, तो यह दो इरादों से हो सकता है—या तो वे टैक्स चोरी करना चाहते हैं या फिर वे नहीं चाहते कि ग्राहक उनके खिलाफ कोई सबूत इकट्ठा कर सके। लेकिन ग्राहक को यह समझना चाहिए कि रसीद लेना उसका कानूनी अधिकार है।

 आप क्या करें?

बोतल खरीदने से पहले रसीद की मांग करें।

यदि रसीद नहीं मिलती, तो उसी समय शिकायत दर्ज करने की धमकी दें।

बिल की फोटो लें और होटल के नाम के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करें।

लोकल अथॉरिटी या हेल्पलाइन पर शिकायत करें।

याद रखें, रसीद ही आपकी सबसे बड़ी ताकत है जब आप किसी होटल के खिलाफ शिकायत दर्ज करना चाहते हैं। यह एक वैध दस्तावेज होता है जो अदालत में भी सबूत के तौर पर इस्तेमाल हो सकता है।

बोतलबंद पानी की बिक्री: होटल के लिए फायदे का सौदा

आपने कभी गौर किया है कि जब भी आप होटल में बैठते हैं, तो वेटर बिना पूछे ही बोतलबंद पानी ले आता है? यह सिर्फ सर्विस नहीं बल्कि एक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है। होटल को एक छोटी सी बोतल पर बड़ा मुनाफा मिलता है।

उदाहरण के तौर पर, जो बोतल थोक में 10-12 रुपये की आती है, उसे ग्राहक को 40-50 रुपये में बेचा जाता है। अब अगर एक दिन में 100 ग्राहकों को बोतल दी जाए, तो होटल के लिए यह हजारों का लाभ बन जाता है। यही वजह है कि वे आपको मुफ्त में पानी नहीं देते।

 बोतलबंद पानी की दिक्कतें:

जरूरी नहीं कि हर ग्राहक बोतल खरीदना चाहता हो।

हर कोई खर्च नहीं कर सकता, खासकर मिडिल क्लास या स्टूडेंट्स।

कई बार बोतल की एक्सपायरी डेट भी सही नहीं होती।

इसलिए अब समय है कि ग्राहक जागरूक बनें और होटल से सवाल पूछें। यदि हर ग्राहक यह कदम उठाए, तो होटल भी मजबूर होंगे कि वे नियमों का पालन करें।

 होटल में फ्री पानी मांगना शर्म की बात नहीं

कई बार ग्राहक यह सोचते हैं कि अगर वे बोतल नहीं खरीदेंगे और फ्री पानी मांगेंगे, तो लोग उन्हें गरीब समझेंगे या होटल वाले उन्हें कमतर समझेंगे। लेकिन असलियत यह है कि फ्री पानी मांगना आपका हक है, कोई एहसान नहीं।

हमारा समाज दिखावे में इतना उलझ चुका है कि हम अपने अधिकारों की कीमत पर भी दूसरों को इंप्रेस करने की कोशिश करते हैं। अगर आपने होटल में खाना खाने का बिल भरा है, तो पानी मिलना आपका अधिकार है।

 कैसे बढ़ाएं आत्मविश्वास?

पूरे आत्मविश्वास के साथ फ्री पानी मांगें।

वेटर से स्पष्ट कहें: "कृपया मुझे पीने का साधारण पानी दें।"

बोतलबंद पानी मना कर दें यदि आप नहीं लेना चाहते।

यदि वे इंकार करें, तो प्रबंधक से बात करें।

जब ग्राहक आत्मविश्वास के साथ अपने अधिकार की मांग करते हैं, तो सामने वाला भी झुकता है। इससे अगली बार वह ग्राहक से पूछे बिना पानी की बोतल नहीं रखेगा।

सोशल मीडिया: शिकायत का नया हथियार

आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया सबसे ताकतवर प्लेटफॉर्म बन गया है। अगर कोई होटल आपको फ्री पानी नहीं देता या जबरदस्ती बोतलबंद पानी थमाता है, तो आप सोशल मीडिया का सहारा लेकर उन्हें जवाबदेह बना सकते हैं।

Twitter, Instagram, Facebook जैसे प्लेटफॉर्म्स पर आप अपनी शिकायत को बड़े स्तर पर उठाकर न सिर्फ न्याय पा सकते हैं, बल्कि दूसरे ग्राहकों को भी जागरूक कर सकते हैं।

सोशल मीडिया शिकायत के फायदे:

होटल की पब्लिक इमेज पर असर पड़ता है।

तेजी से रिस्पांस मिलने की संभावना होती है।

मीडिया हाउस भी ऐसे केस में दिलचस्पी लेते हैं।

दूसरे ग्राहक भी सतर्क हो जाते हैं।

टिप: होटल की रसीद, नाम और लोकेशन के साथ फोटो या वीडियो पोस्ट करें और इसे वायरल करें। #FreeWaterInHotels या #ConsumerRights जैसे हैशटैग का प्रयोग करें।

सरकार और कानून में क्या हो रहा है बदलाव?

सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण को लेकर अब पहले से ज्यादा सख्त रुख अपनाया है। नए कानून और नियम इस बात की पुष्टि करते हैं कि ग्राहक को उसकी मूलभूत सुविधाएं बिना किसी शुल्क के मिलनी चाहिए, खासकर पानी जैसी जरूरी चीज़।

FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) और Consumer Affairs Department अब लगातार ऐसे मामलों पर नज़र बनाए हुए हैं। कई राज्यों में यह निर्देश दिया गया है कि होटल में आरओ वाटर की व्यवस्था अनिवार्य हो।

इसके अलावा सरकार सोशल अवेयरनेस कैम्पेन चला रही है ताकि लोग अपने अधिकारों के बारे में जान सकें। इससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में होटल के ये अनुचित व्यवहार खत्म होंगे।

 हालिया बदलाव:

होटल्स में शुद्ध पानी की उपलब्धता पर निगरानी

ग्राहक को मेन्यू कार्ड में फ्री पानी का उल्लेख देना ज़रूरी

शिकायत के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का विकास

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