हॉलीवुड अब भी आदमियों का है, जूलिया रॉबर्ट्स ने खोल दिए इंडस्ट्री के वो कड़वे राज़, बताई क्या है असल वजह?
News India Live, Digital Desk: अगर ये बात कोई आम आदमी कहे, तो शायद आप उतना ध्यान न दें, लेकिन जब 'प्रीटी वूमेन' जैसी सुपरहिट फ़िल्म से हॉलीवुड में राज करने वाली जूलिया रॉबर्ट्स जैसी सुपरस्टार ये कहती हैं, तो इसे नज़रअंदाज़ करना मुश्किल हो जाता है! उन्होंने खुलकर कहा है कि हॉलीवुड आज भी एक 'पुरुष प्रधान इंडस्ट्री' (male-dominated industry) है। इतने सालों तक इस चमक-दमक भरी दुनिया का हिस्सा रहने के बाद, जूलिया का ये बयान बताता है कि सब कुछ जैसा बाहर से दिखता है, वैसा होता नहीं है। उन्होंने ये क्यों कहा, आइए जानते हैं।
'क्यों' हॉलीवुड अभी भी आदमियों का है?
जूलिया रॉबर्ट्स, जो खुद इस इंडस्ट्री में कई दशक बिता चुकी हैं, अच्छी तरह से जानती हैं कि अंदर क्या चल रहा है। उन्होंने इशारा किया है कि भले ही आज कई महिला निर्देशिकाएँ (directors) और निर्माता (producers) सामने आ रही हों, लेकिन अभी भी तस्वीर बहुत हद तक वैसी ही है, जैसी दशकों पहले थी।
जूलिया रॉबर्ट्स के इस बयान के पीछे कुछ खास बातें हैं जिन पर हमेशा बहस होती रहती है:
- कम महिला केंद्रित फ़िल्में और उम्र की बंदिश: हॉलीवुड में महिला मुख्य किरदारों वाली कहानियाँ आज भी गिनी-चुनी ही बनती हैं, और ये तब और भी कम हो जाती हैं जब अभिनेत्री एक निश्चित उम्र पार कर जाती हैं। पुरुषों के लिए बुढ़ापे तक भी दमदार भूमिकाएँ मिलती रहती हैं, लेकिन महिलाओं को अक्सर लीड रोल से हटा दिया जाता है या कम महत्त्वपूर्ण रोल मिलते हैं।
- डायरेक्टर, राइटर और प्रोड्यूसर के तौर पर महिलाएँ कम: भले ही स्क्रीन पर अभिनेत्रियों की भरमार दिखती हो, लेकिन परदे के पीछे – यानी निर्देशक, लेखक या निर्माता की कुर्सी पर – अभी भी पुरुषों का ही ज़्यादा दबदबा है। जब कहानी कहने और बनाने वाले ज़्यादातर पुरुष होंगे, तो कहानियाँ भी उन्हीं के नज़रिए से ज़्यादा लिखी जाएँगी, जिसमें महिलाओं को अक्सर सपोर्टिंग या पारंपरिक रोल मिलते हैं।
- पे-गैप (Salary Gap): यह हॉलीवुड का एक पुराना और शर्मनाक सच है कि कई बार महिला सितारों को पुरुषों के मुक़ाबले बहुत कम फीस दी जाती है, भले ही उनका स्टारडम या फ़िल्म की सफ़लता में उनकी भूमिका उतनी ही बड़ी हो। यह लैंगिक भेदभाव (gender bias) भी दिखाता है।
जूलिया रॉबर्ट्स जैसी अभिनेत्री, जिन्होंने अपने करियर में बॉक्स ऑफ़िस पर जबरदस्त राज किया है, अगर वो ऐसी बात कहती हैं, तो इसका मतलब है कि यह समस्या आज भी काफ़ी गहरी है। हॉलीवुड भले ही खुद को प्रगतिशील और आधुनिक मानता हो, लेकिन जूलिया के ये शब्द इंडस्ट्री को एक आईना दिखाते हैं कि उसे अभी भी महिलाओं को सच्ची बराबरी और सम्मान देने के लिए बहुत काम करना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके इस बयान पर और कितनी बड़ी बहस छिड़ती है और क्या इससे इंडस्ट्री में कुछ बड़ा बदलाव आता है या नहीं।
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