Hindu Rituals : गंगाजल को प्लास्टिक में रखा तो लगेगा पाप, जानें 4 पवित्र बर्तन जो घर में लाएंगे सुख-समृद्धि
News India Live, Digital Desk: Hindu Rituals : सनातन धर्म में गंगाजल का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि गंगाजल कभी खराब नहीं होता और इसे घरों में रखने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. लेकिन इसकी पवित्रता और गुणों को बनाए रखने के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि इसे सही बर्तन में रखा जाए. प्लास्टिक में गंगाजल रखना इसलिए उचित नहीं माना जाता क्योंकि:
- वैज्ञानिक कारण: प्लास्टिक रसायनों से बना होता है, जो पानी में मिल सकते हैं और उसकी शुद्धता को प्रभावित कर सकते हैं. गंगाजल की अनोखी रासायनिक संरचना को प्लास्टिक नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है.
- धार्मिक कारण: प्लास्टिक को शुद्ध धातु नहीं माना जाता और इसे पवित्र चीज़ों को रखने के लिए अनुचित समझा जाता है.
तो अब सवाल ये है कि प्लास्टिक के बजाय किन बर्तनों में गंगाजल रखना सबसे उत्तम होगा? यहाँ 4 ऐसे विकल्प दिए गए हैं जो परंपरा और पवित्रता दोनों की कसौटी पर खरे उतरते हैं:
- तांबे का पात्र (Copper Pot):
तांबे को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र धातु माना गया है. यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है और इसका इस्तेमाल प्राचीन काल से ही पूजा-पाठ और पानी रखने के लिए किया जाता रहा है. गंगाजल को तांबे के लोटे या बर्तन में रखने से न केवल उसकी पवित्रता बनी रहती है, बल्कि यह माना जाता है कि तांबे के गुण गंगाजल में और ज़्यादा बढ़ जाते हैं. वैज्ञानिक तौर पर भी, तांबे में पानी रखने से पानी के कई बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं. - चांदी का पात्र (Silver Pot):
अगर आप सबसे शुद्ध और शुभ विकल्प चाहते हैं, तो चांदी का पात्र गंगाजल रखने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. चांदी एक महंगी धातु है, लेकिन इसकी पवित्रता और शुभता अद्वितीय है. चांदी के बर्तन में गंगाजल रखने से न केवल वह अधिक समय तक शुद्ध रहता है, बल्कि यह समृद्धि और सौभाग्य भी लाता है. चांदी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जिससे जल लंबे समय तक ख़राब नहीं होता. - पीतल का पात्र (Brass Pot):
पीतल भी एक शुभ और पारंपरिक धातु है जो पूजा-पाठ में खूब इस्तेमाल की जाती है. तांबे और जस्ते के मिश्रण से बना पीतल का पात्र भी गंगाजल को सुरक्षित और पवित्र बनाए रखने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. पीतल के बर्तन में रखा गंगाजल भी शुद्ध और ताज़ा बना रहता है. यह तांबे जितना ही उपयोगी है, और आर्थिक रूप से भी आसान रहता है. - मिट्टी का घड़ा या कांच की बोतल (Earthen Pot or Glass Bottle):
अगर आप धातु के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते या उन्हें ज़्यादा महंगा पाते हैं, तो मिट्टी का घड़ा (कलश) या अच्छी गुणवत्ता वाली कांच की बोतलें भी बेहतरीन विकल्प हैं. मिट्टी के घड़े स्वाभाविक रूप से पानी को ठंडा और शुद्ध रखते हैं. वहीं, कांच एक तटस्थ सामग्री है जो पानी के साथ प्रतिक्रिया नहीं करती, जिससे गंगाजल अपनी मूल अवस्था में बना रहता है. ये दोनों ही विकल्प गंगाजल की पवित्रता बनाए रखने के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं.
गंगाजल को हमेशा साफ और शुद्ध स्थान पर ही रखना चाहिए, जैसे कि घर के मंदिर में या किसी ऊंची जगह पर. इस छोटे से बदलाव से आप न सिर्फ़ इसकी धार्मिक महत्ता को बढ़ा सकते हैं, बल्कि यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि इसका उपयोग करते समय आपको पूरी पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा मिले.
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